आदिवासी बेल्ट के लिए BJP की बड़ी प्लानिंग: बांसवाड़ा में मोदी की जनसभा से प्रभाव जमाने की कोशिश
गुजरात में चुनाव सर पर है, और राजस्थान में अगले साल.. दोनों ही राज्यों में एक बड़ा हिस्सा आदिवासी बेल्ट यानि एसटी बाहुल्य का है. ऐसे में सभी पार्टियों की नजर इस बड़े वोट बैंक पर जमी हुई है.
मौजूदा समय में राजस्थान की कुल 200 विधानसभा सीटो में से 25 सीट्स एसटी के लिए रिजर्व है. एक समय में प्रदेश में कुल 35 विधायक एसटी के रह चुके है. इन 25 सीटो में से 13 कांग्रेस के हिस्से में है, जबकि 8 पर भाजपा व 2 पर नवोदित बीपीटी काबिज है. शेष दो सीट पर कांग्रेस समर्थक निर्दलीय विजयी हुए है. इनमे से एक बस्सी विधायक लक्ष्मण मीना राज्य एसटी आयोग के अध्यक्ष भी है.
राजस्थान के आठ जिलो में बहुतायत में बसे ये आदिवासी सभी पार्टियों के लिए बड़ा वोट बैंक है। अगले साल होने वाले चुनाव के चलते BJP- कांग्रेस दोनों पार्टियों के बड़े नेता यहां सक्रिय हो चुके हैं। साल की शुरुआत में हुई कांग्रेस की रैलियों के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने के आखिर तक बांसवाड़ा में रैली कर सकते है।
अभी तक की जानकारी के अनुसार भाजपा इस रैली को बांसवाड़ा स्थित मानगढ़ धाम में करवाना चाह रही है। मानगढ़, बांसवाड़ा के आनंदपुरी के पास एक पहाड़ी पर है। इसका अपना एक इतिहास है.
क्या है मानगढ़ का इतिहास
17 नवम्बर 1913 को मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन मानगढ़ धाम में अंग्रेजों ने सुधारक गोविंद गुरू के नेतृत्व में हो रही सभा पर गोलीबारी कर एक ही दिन में 1500 भीलो की हत्या की थी. अंग्रेजो को डर था की ये लोग क्रांति के लिए यहाँ इकठ्ठा हो रहे है. अंग्रेज उस पहाड़ी को खली करवाना चाहते थे. महात्मा गाँधी ने इस हत्याकांड की तुलना जलियावाला बाग़ से की थी.
पिछले दिनों मानगढ़ धाम पर स्वराज-75 आयोजन समिति ने धर्मसभा की थी। जिसमें हजारों लोग इकट्ठा हुए। राजस्थान के बांसवाड़ा, डूंगरपुर, सागवाड़ा सहित गुजरात व मध्यप्रदेश के कई जिलों से लोग यहां पहुंचे थे। संत गोविंद गुरू की याद में हर साल यहाँ आदिवासी समाज का मेला भी लगता है।
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