पंजाब के पांच बार के मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल का मंगलवार रात आठ बजे 95 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे पंजाब में हिंदू-सिख एकता के अग्रदूत कहे जाते थे। प्रकाश सिंह बादल को सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद पिछले हफ्ते ही मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती किया गया था। शुक्रवार को उन्हें आईसीयू में शिफ्ट किया गया था। मंगलवार रात करीब आठ बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।
प्रकाश सिंह बादल ने 1947 में राजनीति में कदम रखा था। बादल ने 1957 में पहला विधानसभा चुनाव जीता था। वर्ष 1969 में प्रकाश सिंह बादल दोबारा विधायक बने। प्रकाश सिंह बादल 1970-71, 1977-80, 1997-2002 तक पंजाब के मुख्यमंत्री रहे। वे 1972, 1980 और 2002 में नेता विपक्ष भी रहे थे। प्रकाश सिंह बादल सांसद और केंद्र में मंत्री भी रहे। एक मार्च 2007 से 2017 तक उन्होंने दो बार मुख्यमंत्री का दायित्व संभाला।
प्रकाश सिंह बादल पंजाब के सबसे युवा और उम्रदराज मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने पहली बार 1970 में 43 साल की उम्र में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। तब वह पंजाब के सबसे कम उम्र के सीएम बने थे। वर्ष 2012 में 84 वर्ष की आयु में बादल ने सबसे उम्रदराज मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली।
भारत सरकार ने प्रकाश सिंह बादल को 2015 में देश के दूसरे सर्वाेच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया था।