राजस्थान 15वीं विधानसभा के सातवें सत्र की कार्यवाही अनिश्चिकाल के लिए स्थगित कर दी गई है। हंगामे के बाद सदन में राइट टू हैल्थ बिल पारित नहीं हो पाया है। अब बिल को प्रवर समिति को भेज दिया है। इस दौरान शुक्रवार को कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा (Divya Maderna) ने तीखे तेवर दिखाए। जोधपुर जिले के ओसियां से विधायक दिव्या मदेरणा ने प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी के मुद्दे पर अपनी ही सरकार को सदन में घेरा।
राइट टू हैल्थ बिल पर स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा को घेरते हुए दिव्या मदेरणा ने कहा कि मंत्रीजी मुझे नापंसद कर सकते हैं, लेकिन नजर अंदाज नहीं कर सकते, क्योंकि जनता के हक की बात रखना मेरी जिम्मेदारी है। दिव्या ने कहा कि सीएम गहलोत के गृह जिले जोधपुर में चिरंजीवी योजना मुंह के बल गिर चुकी है। इसकी प्रमुख वजह जोधपुर प्रशासन की विफलता है। प्राइवेट अस्पतालों की दादागिरी पर उदाहरण सेट करने की आवश्यकता है।
कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा ने कहा कि प्राइवेट सेक्टर के 890 अस्पताल चिरंजीवी योजना में रजिस्टर्ड हैं। लेकिन आपने जोधपुर में देखा होगा कैसे प्राइवेट अस्पताल ने पैसे वसूले। दिव्या ने आगे कहा – प्राइवेट अस्पताल वाले जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे मरीज के परिजनों से कन्सेंट साइन करवा लेते हैं कि उन्हें चिरंजीवी योजना का फायदा नहीं लेना। स्वास्थ्य मंत्री सदन में बयान दें तो ऐसे प्रशासनिक फैल्योर पर सख्त एक्शन भी लें।
दिव्या ने मांग की कि जोधपुर मेटर पर आप के कथित जवाब पर उस अफसर को सस्पेंड कीजिए। उन्होंने कहा कि आपके जवाब में प्राइवेट अस्पताल का स्टेटमेंट लिखकर जांच के नाम पर भेजा है, वह सीएमएचओ की जांच नहीं है। उन्होंने सवाल उठाया कि सीएमएचओ अस्पताल का कथन जांच रिपोर्ट के नाम पर लिख रहा है तो हमारा प्रशासन क्या कर रहा है। विधायक दिव्या मदेरणा ने कहा कि सीएम अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर में ही चिरंजीवी योजना का बुरा हाल है तो ऐसे में बाकी जगहों पर आम जन को मुफ्त में इलाज कैसे मिलेगा।
आपको बता दें विधायक दिव्या मदेरणा हाल ही में जोधपुर में एक प्राइवेट अस्पताल के सामने धरने पर बैठ गई थी। कांग्रेस विधायक दिव्या ने कलेक्टर औऱ प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए प्रशासन को उन्हें ग़लत साबित करने की खुली चेतावनी तक दी थी।
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