जोधपुर एम्स में कार्यरत एक महिला डॉक्टर ने नीदरलैंड के ठग पर भरोसा कर उससे दोस्ती कर ली। व्हाट्सएप पर चैटिंग चलती रही और बात शादी तक पहुंच गई। ठग ने महिला डॉक्टर की मासूमियत का फायदा उठाते हुए उसे अपने जाल में फंसाया और खुद की जरूरत को पूरा करने के लिए उससे पैसे मंगवाने लगा। पीड़िता ने भी जीवन साथी की मदद करने की आस में पैसे भेजती रही। इसके बाद जब उसके 18 लाख रुपए चले गए तो उसे पता चला कि जिसे वह जीवन साथी समझ रही है वह तो ठग है। अब महिला डॉक्टर ने पुलिस में रिपोर्ट देकर दूर देश में बैठे आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की गुहार की है।
बम्बल एप के जरिए हुई थी दोस्ती
मूलत: गुवाहाटी, हाल सुभाष कॉलोनी निवासी डॉ. अनुष्का शुक्ला वैद्य ने पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया कि ऑनलाइन बम्बल एप के जरिये उसकी नीदरलैंड के उट्रेच निवासी आकाश जोशी से 15 अक्टूबर को जान-पहचान हुई थी। तब उसने अपने आप को डॉक्टर व कार्डियोलॉजिस्ट बतलाया व अपने आप को एक ही प्रोफेसन का व्यक्ति बताया, जिसके कारण मैंने उस पर विश्वास कर हम दोनों ने व्हाट्स एप के जरिये बातचीत करना शुरू किया था। इससे हम दोनों के मध्य जान-पहचान हो गई। उस पर पूर्ण रूप से विश्वास करने लगी व हमारी बात शादी करने तक पहुंच गई।
शिकायत के मुताबिक, डॉ. आकाश ने 22 अक्टूबर को मुझे व्हाट्स एप पर कॉल कर मदद की गुहार की। बताया कि उसका प्राइम ट्रस्ट सेविंग बैंक का खाता फ्रीज हो चुका है और इस वक्त में इस्तांबुल में हूं। जहां वह अपने क्लीनिक के लिए मेडिकल उपकरण खरीद करने के लिए आया हुआ है। उसने सम्पूर्ण मेडिकल उपकरण का बिल का भुगतान कर दिया गया है परन्तु मेडिकल उपकरण के शिपिंग चार्जेज और होटल चार्ज के लिए उसके पास अब पैसे नहीं बचे हैं। इसके लिए उसने पैसों की मदद मांगी। पीड़िता ने ठग पर विश्वास कर पैसे भेजने शुरू कर दिए। ये खाते रायबरेली व इंदौर के थे।
पहली बार ट्रांसफर करवाए 9 लाख
पीड़िता ने बताया कि इन दोनों खातों में मैंने व मेरे दोस्त डॉ. गौरव सिंह ने कुल मिलाकर 9,890 यूरो यानी भारतीय मुद्रा के अनुसार, लगभग 09 लाख रूपये विभिन्न तारीखों को ट्रांसफर किए। इसके बाद 28 अक्टूबर को डॉ. आकाश का मेरे पास व्हाट्स एप कॉल आया। तब उसके द्वारा मुझे यह सूचना दी गई कि मैंने अपने खाते में रोकड़ राशि प्राइम ट्रस्ट सेविंग बैंक में जमा करवाये हैं, जिससे में आपको उक्त राशि कुल 9,890 यूरो के बदले 20,000 यूरो अधिक यानी 30,000 यूरो ट्रांसफर कर दिए हैं, क्योंकि आपके द्वारा मेरे बुरे वक्त में मदद करने से आपको अधिक राशि ट्रांसफर की गई है जो आपको रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया के जरिये आपके एसबीआई बचत खाते में आपको वापस प्राप्त हो जाएगी। तब मैंने कहा कि मुझे आपके 30,000 यूरो की आवश्यकता नहीं है। मैंने व मेरे दोस्त ने जो रुपए भेजे हैं, उसे ही मुझे लौटा दे।
आरबीआई की फर्जी मेल भेज फिर ठगे 9.35 लाख
ठग ने 29 अक्टूबर को कॉल की और आरबीआई के नाम से मेल भेजी। इसमें बैंक की जानकारी, टैक्स क्लियरेंस एवं ट्रांसफर फीस के रूपए में 09,35,000 रुपये फिर से एक खाते में डॉ. आकाश के कहे अनुसार ट्रांसफर कर दिए। डॉ. आकाश नामक व्यक्ति ने लगभग 18 लाख रूपये की धोखाधड़ी कर ली। पुलिस ने मामला दर्ज कर सहायक उप निरीक्षक प्रहलादराम को जांच सौंपी है।
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