केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सरकार की लाइन के विपरीत जाकर भारत के दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने पर एक विरोधाभासी बयान दिया है। उन्होंने कहा की भारत एक समृद्ध देश होने के बावजूद यहां के लोग गरीबी, भुखमरी, बेरोजगारी, जातिवाद, अस्पृश्यता और महंगाई का सामना कर रहे हैं। यहां अमीर और गरीब लोगों के बीच की खाई और गहरी होती जा रही है, इस खाईं को पाटने की जरूरत है।
गडकरी की गिनती स्पष्टवक्ता और खरी कहने वाले नेताओ को रूप में होती है, इसमे में उनके बयान के मायने तो ढूंढे जाने तय ही थे. विपक्ष और केंद्र सरकार के आलोचकों ने गडकरी के बयान को सरकार की निंदा के रूप में लिया. बाद में जब गडकरी का बयान विभिन्न प्लेटफोर्म पर वायरल हुआ तो गडकरी ने ट्वीट कर उसकी सफाई भी दे दी.
आरएसएस से जुड़े भारत विकास परिषद के कार्यक्रम में दिए संबोधन के एक अंश में उन्होने कहा की भारत गरीब लोगों का अमीर देश हैं। देश में आर्थिक और सामाजिक समानता की जरूरत है। मौजूदा समय में गरीब और अमीर के बीच फासला काफी बढ़ा है।
गडकरी का बयान जब वायरल होने लगा और इस पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आने लगीं तो उन्होंने इस पर सफाई भी दी।
I am pained to know and see that my statement with reference to PTI's tweet about the problems concerning our society and the nation has been flashed out of context and some unscrupulous elements and opposition are deriving joy out of it. @derekobrienmp pic.twitter.com/4ObXQD0T4J
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) September 29, 2022
अपने ट्वीट में उन्होंने कहा कि मुझे यह जानकर दुख हुआ है कि एक बार फिर हमारे समाज और राष्ट्र के सामने की समस्याओं के बारे में मेरे बयान को संदर्भ से बाहर कर दिया गया है। कुछ बेईमान तत्व इसका आनंद ले रहे हैं। यह केवल गलतफहमी पैदा करने के लिए है और कुछ नहीं
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