उदयपुर। राजस्थान के उदयपुर मेवाड़ पूर्व राजघराने में चल रहे विवाद ने सोमवार को हिंसक रूप ले लिया। उदयपुर के सिटी पैलैस की टीम और समर्थकों के बीच जमकर पत्थरबाजी हुई। इसमें कई लोग घायल भी हो गए। बताया जा रहा है कि विश्वराज सिंह के समर्थक पैलेस के गेढ़ की तरफ बढ़े और फिर अंदर जाने का प्रयास किया तब पैलेस से पत्थरबाजी की गई। यह पूरा विवाद उदयपुर राजघराने के सदस्य महाराणा महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद उनके बेटे और नाथद्वारा से भाजपा विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ के राजतिलक और इससे जुड़ी रस्मों को लेकर हुआ।
राजशाही खत्म होने के बाद भी यह रस्म प्रतीकात्मक रूप से निभाई जाती रही है। विश्वराज सिंह राजतिलक के बाद सिटी पैलेस के अंदर धूणी के दर्शन करने जाना चाहते थे, लेकिन सिटी पैलेस में रहने वाले उनके चाचा अरविंद सिंह मेवाड़ के परिवार ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी। यहीं से पूरा विवाद शुरू हुआ। सिटी पैलेस के अंदर दर्शन को लेकर विश्वराज सिंह और उनके समर्थक रात करीब डेढ़ बजे तक पैलेस के बाहर बैठे रहे और वे अंदर जाकर दर्शन नहीं कर सके। प्रशासन ने दोनों पक्षों के बीच समझाइश की कोशिश की लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल सका। ऐसे में देर रात करीब 1 बजे प्रशासन ने विवादित जगह को कुर्क कर रिसीवर की नियुक्ति कर दी।
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परिवार में 41 साल से क्यों चल रहा झगड़ा
दरअसल, उदयपुर के आखिरी महाराणा भगवत सिंह ने 1963 से 1983 तक राजघराने की कई प्रॉपर्टी को लीज पर दे दिया, तो कुछ प्रॉपर्टी में हिस्सेदारी बेच दी। इनमें लेक पैलेस, जग निवास, जग मंदिर, फतह प्रकाश, शिव निवास, गार्डन होटल, सिटी पैलेस म्यूजियम जैसी बेशकीमती प्रॉपर्टीज शामिल थीं। ये सभी प्रॉपर्टी राजघराने द्वारा स्थापित एक कंपनी को ट्रांसफर हो गई थीं। यहीं से विवाद शुरू हुआ।