दूरसंचार नियामक (TRAI) ने वर्ष 2003 के 21 साल बाद फिर से नेशनल नंबरिंग प्लान को रिवाइज करने का फैसला किया है। इससे आने वाले समय में आपको मोबाइल नंबर व लैंडलाइन नंबर के लिए भी पैसे देने पड़ सकते हैं। खासकर, उन लोगों को ज्यादा नुकसान हो सकता है जो एक से ज्यादा मोबाइल नंबर रखते हैं। हालांकि ट्राई ने इस दावे को निराधार बताते हुए कहा है कि ऐसा कुछ नहीं है। दो सिम रखने पर पैसे देने पड़ेंगे जैसी बातें निराधार है। इस संबंध में ट्राइ ने एक परार्मश पत्र जारी किया है, जिसमें मोबाइल और लैंडलाइन नंबर के लिए टेलीकॉम कंपनियों पर शुल्क लगाने का प्रस्ताव दिया गया है।
यानी सरकार मोबाइल नंबर देने के बदले कंपनियों से चार्ज वसूल सकती है। यह चार्ज एकमुश्त या फिर सालाना आधार पर लिया जा सकता है। अगर यह नियम लागू हुआ तो इसका भार मोबाइल ऑपरेटर उपभोक्ताओं पर डालेंगे। ट्राई ने कहा, मोबाइल नंबर सरकार की संपत्ति है। इन्हें दूरसंचार कंपनियों को इस्तेमाल के लिए दिया जाता है। ट्राइ ने यह प्रस्ताव नंबरों के दुरुपयोग को कम करने के लिए तैयार किया है।
हालांकि ट्राई ने इस दावे को निराधार बताते हुए कहा है कि ऐसा कुछ नहीं है। दो सिम रखने पर पैसे देने पड़ेंगे जैसी बातें निराधार है।
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