उदयपुर। उदयपुर के मेवाड़ राज परिवार में विश्वराज सिंह मेवाड़ और लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ के बीच विवाद मंगलवार को कुछ सुलझता हुआ नजर आया। सोमवार शाम को विश्वराज सिंह मेवाड़ धूणी दर्शन के लिए अड़े हुए थे, वहीं दूसरी ओर लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ सिटी पैलेस का दरवाजा खोलने को तैयार नहीं थे। दरअसल, सोमवार को विश्वराज सिंह मेवाड़ का महाराणा के रूप में राजतिलक किया गया था। जिसके बाद वे उदयपुर सिटी पैलेस धूणी दर्शन और एकलिंग जी दर्शन के लिए पहुंचे थे। लेकिन घंटों विवाद के बाद भी विश्वराज को सिटी पैलेस में एंट्री नहीं मिली।
सिटी पैलेस के पास पत्थरबाजी की घटना के बाद सिटी पैलेस के गेट पर रिसीवर नियुक्ति करने का ऑर्डर चस्पा किया गया। इसमें बड़ी पोल से धूणी और जनाना महल तक जाने वाले रास्ते के साथ धूणी वाले स्थान को कुर्क कर दिया गया। उदयपुर सिटी पैलेस के आसपास पुलिस ने तीन लेयर में बैरिकेडिंग लगाई है।
इसी धूणी दर्शन के लिए हो रहा विवाद
दरअसल, सिटी पैलेस के अंदर धूणी माता का मंदिर है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यह मेवाड़ राजघराने की कुलदेवी है। यह मंदिर क्षेत्र विश्वराज मेवाड़ के चाचा अरविंद सिंह मेवाड़ के नियंत्रण में आता है, लेकिन मेवाड़ राजघराने के लोगों में यह परंपरा रही है कि कोई भी शुभ काम करने से पहले वह धूणी माता का दर्शन करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि धूणी माता के दर्शन से उनके किसी भी काम में बाधा नहीं आती है। यह पुरानी परंपरा रही है कि अगर किसी सदस्य का राजतिलक होता है तो वह धूणी माता के दर्शन करते हैं। धूणी माता मंदिर को लेकर कहा जाता है कि इसे महाराणा प्रताप ने स्थापित किया था, और उन्होंने ही इस परंपरा को शुरू किया था तब से यह परंपरा निभाई जा रही है।
एकलिंग जी मन्दिर प्रवेश पर भी पाबंदी
इधर, विश्वराज सिंह मेवाड़ का कहना है कि उन्होंने अंतिम बार साल 1984 में धूणी माता का दर्शन किए थे। वे 40 साल से यहां नहीं गए हैं, लेकिन परंपरा को निभाने के लिए वे सिटी पैलेस में जाना चाहते थे। इधर, एकलिंग जी मंदिर को लेकर मेवाड़ राजपरिवार में मान्यता है कि महाराणा इसे दीवान मानते थे। इसलिए राजतिलक के बाद यहां भी दर्शन की परंपरा है, और पुजारी उन्हें महाराणा की छड़ी सौंपते हैं जो शासन की छड़ी होती है। महाराणा की मान्यता इसी मंदिर से मिलती है, लेकिन विश्वराज सिंह मेवाड़ के लिए यहां भी एंट्री पर पांबदी लगाई गई है।
विश्वराज सिंह का बयान
इस मामले में विश्वराज सिंह मेवाड़ का कहना है कि वह किसी तरह के कानून का उल्लंघन नहीं करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि ‘हमें आवाज उठानी है, लेकिन कानून को हाथ में नहीं लेना है। धूणी के दर्शन से पहले हम चाहते हैं कि कलेक्टर अपनी बात के अनुसार, उस एरिया को सीज करें। कल जब मैंने उनसे कहा था जो कलेक्टर ने बताया था कि नोटिस उन्होंने लगा दिया है। मगर अंदर जाकर जगह कुर्क करने के लिए उनके पास पर्याप्त फोर्स नहीं है।