गुजरात हाईकोर्ट ने मंगलवार को मोदी सरनेम मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने 2019 के मामले में हुई सजा पर रोक लगाने की उनकी याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा है। राहुल गांधी ने 2019 के मामले में खुद को दोषी ठहराए जाने के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। जिस पर कोर्ट ने मंगलवार को राहुल गांधी को इस मामले में कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया।
आपको बता दें कि 5 मई को हाईकोर्ट का आखिरी वर्किंग डे है। इसके बाद गर्मी की छुट्टियों की वजह से कोर्ट अगले महीने 5 जून को खुलेगा। ऐसे में जून में ही इस पर फैसला आएगा।
दरअसल, 27 अप्रैल को राहुल की ओर से सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में अपनी दलीलें रखीं थीं। अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि राहुल गांधी ने मर्डर नहीं किया है। अगर दोषसिद्धी पर रोक नहीं लगाई गई तो वे 8 साल तक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। राजनीति में एक सप्ताह भी लंबा वक्त होता है, आठ साल में तो याचिकाकर्ता का राजनीतिक करियर खत्म हो सकता है।
आपको बता दें कि बीते 23 मार्च को सूरत की सेशन कोर्ट ने राहुल गांधी को धारा 500 के तहत दो साल की सजा सुनाई थी। हालांकि कोर्ट से उन्हें तुरंत जमानत भी मिल गई थी। कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने कोर्ट से सजा पर रोक लगाने की अपील की थी, जिस पर कोर्ट ने इनकार कर दिया था। इसके बाद राहुल ने गुजरात हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।