कर्नाटक के मंगलुरु के नागुरी बस अड्डे पर प्रेमराज हुतगी नाम के एक लड़के ने एक ऑटो को हाथ दिया। ड्राइवर पुरुषोत्तम ने प्रेमराज को बिठाया और पंपवेल जंक्शन के लिए चल पड़ा। ऑटो कुछ दूर ही पहुंचा था कि तेज धमाका हुआ। आसपास सफेद धुएं का गुबार फैल गया। इससे प्रेमराज का शरीर 40% और ड्राइवर 20% तक झुलस गया।
लेकिन अब पुलिस पड़ताल में पता लगा कि ये धमाका टायर में नहीं, प्रेशर कुकर में हुआ था, जिसे प्रेमराज लेकर जा रहा था। दरअसल ये एक बम विस्फोट था। अगले दिन कर्नाटक के DGP प्रवीण सूद ने मीडिया में बताया कि यह एक आम विस्फोट नहीं बल्कि आतंकी हमला था। इसका मकसद भी बड़ा था।
इतना ही नहीं, पुलिस ने और बड़ा खुलासा किया। प्रेमराज असल में प्रेमराज नहीं बल्कि मोहम्मद शारिक था। यह ISIS यानी सीरिया और इराक में तबाही मचाने वाले इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया से जुड़ा आतंकी है। जो हिन्दू नाम रखकर अपने आतंकी मंसूबे पूरे करने निकला था।
जानकारी के अनुसार अस्पताल में भर्ती मोहम्मद शारिक की जेब से मिले आधार कार्ड के पते पर जब पुलिस पहुंची तो पता चला कि आधार कार्ड फर्जी है। शारिक ने जिस प्रेमराज नाम से आधार कार्ड बनवा रखा था, वो रेलवे कर्मचारी है और कर्नाटक के तूमकुर में पोस्टेड है।
उधर, असली प्रेमराज का आधार कार्ड पिछले दो साल में दो बार गुम चुका है। उसने आधार कार्ड खोने की सूचना पुलिस को नहीं दी थी। उसके पास यूनीक ID थी, जिसके जरिए दूसरा कार्ड प्रिंट करवा लिया था।
जानकारी के अनुसार शारिक ने डेढ़ महीने पहले फर्जी प्रेमराज नाम के आधार कार्ड के सहारे मैसूरु के बाहरी इलाके में एक कमरा किराए पर लिया था। 20 नवंबर 2022 को पुलिस ने इस कमरे पर रेड डाली। रेड के दौरान कमरे से विस्फोटक बनाने का सामान मिला। जिसमें जिलेटिन पाउडर, सर्किट बोर्ड, बैटरी, मोबाइल, लकड़ी का चूरा, एल्यूमीनियम मल्टी मीटर, तार, बोल्ट और प्रेशर कुकर शामिल हैं।
रेड में कमरे से दो और फर्जी आधार कार्ड के साथ एक फर्जी पैन कार्ड और FINO डेबिट कार्ड भी मिला। आतंकी शारिक और विस्फोटक बनाने की तैयारी में था। उसने यह घर पिछले महीने ही किराए पर लिया था। मकान मालिक को उसने बताया था कि वह मोबाइल रिपेयरिंग की ट्रेनिंग लेने के लिए शहर में आया हुआ है।
आतंकी शारिक जिस सिम कार्ड का यूज कर रहा था, उसे उसने कोयंबटूर से खरीदा था। सिम खरीदने के लिए शारिक ने अपने सहयोगी सुरेंद्रन के क्रेडेंशियल्स का उपयोग किया था। तमिलनाडु पुलिस ने सुरेंद्रन को अब हिरासत में ले लिया है। मैसूरु आने से पहले शारिक केरल और तमिलनाडु भी गया था।
कर्नाटक के शिवमोगा जिले के तीर्थहल्ली का रहने वाला शारिक पहले भी कट्टरपंथी गतिविधियों में लिप्त था। शारिक 15 अगस्त 2020 को शिवमोगा में सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने के आरोप में वॉन्टेड है। स्वतंत्रता दिवस के दिन हिंदूवादी विचारक वीर सावरकर का पोस्टर लगाने पर विवाद हुआ था। इस दौरान 2 लोगों को चाकू घोंप दिया था। दो आरोपियों माज और सैयद यासीन को UAPA के तहत गिरफ्तार किया गया था। वहीं, शारिक को भगोड़ा घोषित कर दिया गया था।
इसके अलावा 26/11 के मुंबई आतंकी हमले की बरसी के एक दिन बाद 27 नवंबर 2020 को शारिक को मंगलुरु में दीवार पर ग्रैफिटी बनाने के आरोप में UAPA के तहत गिरफ्तार किया गया था। शारिक ने ग्रैफिटी में लिखा था, ‘हमें LeT (लश्कर-ए-तैयबा) को बुलाने पर मजबूर न करें। मुंबई पर भी लश्कर-ए-तैयबा के ही आतंकियों ने हमला किया था।
शारिक पर कई लोगों को रेडिकलाइज (कट्टरपंथी बनाने) करने का भी आरोप है। शारिक से प्रभावित 2 लोगों को पुलिस ने 20 नवंबर 2022 को पकड़ा है। जिनसे पूछताछ की जा रही है।
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