कनाडा ने मंगलवार को भारत पर नए आरोप लगाए हैं। हालांकि भारत सरकार ने सभी आरोपों का खंडन करते हुए अपने राजदूतों को कनाड़ा से वापस बुला लिया है। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की पुलिस टीम का दावा है कि भारत सरकार ने कनाडा में खालिस्तान समर्थकों और दक्षिण एशियाई मूल के लोगों को निशाना बनाने के लिए लॉरेंस गैंग नामक आपराधिक संगठन का सहारा लिया है। कनाडाई पुलिस विभाग RCMP की असिस्टेंट कमिश्नर ब्रिजिटी गौविन ने कहा कि लॉरेंस गैंग का भारत सरकार के एजेंट्स के साथ संबंध है। इससे पहले, प्रधानमंत्री ट्रूडो ने भारत के एजेंट्स पर जासूसी, लक्षित हत्याओं, धमकियों और हिंसा में शामिल होने का आरोप लगाया था। ट्रूडो ने RCMP के साक्ष्यों का हवाला देते हुए कहा कि कनाडा से निकाले गए छह भारतीय राजनयिक गतिविधियों में शामिल थे जो नागरिकों के लिए खतरा पैदा करती हैं। ट्रूडो का यह भी कहना है कि भारत के साथ सहयोग की कोशिशों के बावजूद, भारत ने समर्थन देने से इनकार किया।
एक अन्य आरोप में ट्रूडो ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह के इशारे पर खालिस्तान समर्थकों पर हमले किए गए। ट्रूडो ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर से इस मुद्दे पर चर्चा की, जिसमें नागरिकों की सुरक्षा और कानून व्यवस्था पर जोर दिया गया। इसके अलावा, उन्होंने अमेरिका और ‘फाइव आइज’ देशों (अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, कनाडा, और न्यूज़ीलैंड) के नेताओं से भी बातचीत की।
वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारतीय गृह मंत्रालय और रॉ ने कनाडा में खुफिया जानकारी इकट्ठा करने और खालिस्तान समर्थक आतंकियों पर हमले की अनुमति दी थी। एक कनाडाई अधिकारी के अनुसार, भारतीय राजनयिकों ने कई लोगों पर कनाडा जाने की अनुमति के बदले में खुफिया जानकारी देने का दबाव बनाया। कनाडाई पुलिस के कमिश्नर माइक दुहेमे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि भारत सरकार के लिए गुप्त जानकारी जुटाने के लिए भारतीय एजेंट्स का इस्तेमाल किया गया, जो दक्षिण एशियाई समुदाय को निशाना बनाने के लिए थी।
भारत और कनाडा के बीच तनाव की मुख्य वजह खालिस्तान समर्थक आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या है, जो 18 जून 2023 को कनाडा के सरे शहर में हुई थी। प्रधानमंत्री ट्रूडो ने भारत पर हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया, जिसे भारत ने खारिज कर दिया। 3 मई को, कनाडाई पुलिस ने निज्जर की हत्या के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनके बारे में कहा गया कि वे भारतीय नागरिक थे और उन्हें भारत द्वारा हत्या की योजना सौंपी गई थी।
खालिस्तान समर्थक कनाडा में प्रधानमंत्री ट्रूडो के लिए महत्वपूर्ण वोट बैंक माने जाते हैं। अक्टूबर 2025 में होने वाले संसदीय चुनावों से पहले, यह मुद्दा ट्रूडो के लिए खासा अहम है। हालांकि, पिछले महीने खालिस्तान समर्थक जगमीत सिंह की NDP पार्टी ने ट्रूडो की लिबरल पार्टी से समर्थन वापस ले लिया था, जिससे उनकी सरकार अल्पमत में आ गई थी।