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खुश होइए, क्योंकि आप कोटा में है: सरकार की स्टडी में सबसे बेहतर है कोटा

महिला-बच्चों के जीवन स्तर में कोटा नं.1: हर जिले के अंक कटे, सुरक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार में एक भी जिले के 60 अंक नहीं

महिला और बाल सुरक्षा, अपराध, स्वास्थ्य, रोजगार के मामले में राजस्थान के जिलों की रैंकिंग लगातार गिरती जा रही है। साल 2030 तक गरीबी मिटाने और समृद्धि लाने के टार्गेट को लेकर प्रदेश सरकार की तरफ से यह स्टडी कराई गई। सभी 33 जिलों में सस्टेनेबल डवलपमेंट गोल (सतत विकास लक्ष्य) के 55 मानकों व 13 (गोल्स) लक्ष्यों पर कराए गए सर्वे में सामने आया कि पहली बार 7 जिले रेड कैटेगरी में हैं। यानी इन्होंने 100 में से 50 से भी कम अंक हासिल किए हैं।

कोटा की स्थिति प्रदेश में सबसे बेहतर है। कुल 59.30 अंकों के साथ कोटा नंबर एक रहा लेकिन यह भी यलो कैटेगरी में ही शामिल है। एक भी जिला ऐसा नहीं है, जो 100 में से 65 या अधिक स्कोर पाकर अंतरराष्ट्रीय मानकों के प्रथम 2 पायदान तक पहुंचा हो। स्टडी की प्रथम दो कैटेगरी एचीवर और फ्रंट रनर हैं। इनमें आने के लिए स्कोर फ्रंट रनर के लिए स्कोर 65 से 99 तक और अचीवर के लिए पूरे 100 का स्कोर आवश्यक है। इस कैटेगरी के जिले को ग्रीन माना गया है।

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सेंटर फाॅर सस्टेनेबल डवलपमेंट गोल्स इंप्लीमेंटेशन, डायरेक्टरेट आफ इकोनाॅमिक्स एंड स्टेटिस्टिक्स राजस्थान की तरफ से यह स्टडी की गई। इसके अनुसार, जयपुर जिले को 9वीं रैंक मिली है। पिछली बार दूसरी रैंक पर था। स्टडी का आधार कुल एरिया का फॉरेस्ट एरिया कितना है, शहरी आबादी में कितनी झुग्गियां, कितने गांव रोड से जुड़े, साफ पानी और बिजली से कितने प्रतिशत घर जुड़े हैं आदि भी था।

एक भी जिला ग्रीन नहीं, 7 रेड कैटेगरी में 2021 की स्टडी में रेड कैटेगरी वाले जिले


जिला स्कोर

डूंगरपुर 49.70
धौलपुर 49.65
जालौर 49.56
बारां 48.33
प्रतापगढ़ 47.64
बाड़मेर 44.51
जैसलमेर 41.69
रेड कैटेगरी : इन सभी जिलों का स्कोर 50 से भी कम

कोटा पहले स्थान पर, जयपुर 9वें नंबर पर

  1. कोटा 59.30
  2. चूरू 58.60
  3. झुंझुनूं 58.34
  4. सीकर 58.19
  5. श्रीगंगानगर 57.83
  6. करौली 57.73
  7. अजमेर 56.91
  8. अलवर 56.76
  9. जयपुर 56.24
  10. हनुमानगढ़ 56.09

पिछली बार झुंझुनूं टॉप और जयपुर दूसरे स्थान पर रहा था। लेकिन इस बार झुंझुनूं तीसरे जबकि जयपुर नौवें स्थान पर रहा है। यही नहीं, 65 से अधिक स्कोर करने वाले झुंझनु, जयपुर, दौसा, चुरू, करौली व कोटा , कुल 6 जिले थे। इस कारण ये जिले पिछले साल फ्रंट रनर कैटेगरी में थे। इस बार एक भी जिला इस कैटेगरी में नहीं है।

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इन बिन्दुओ के आधार पर स्कूली बच्चो के बीच हुआ सर्वे
यह स्टडी 33 जिलों में की गई। इसमें यूएनओ द्वारा निर्धारित 55 इंडीकेटर्स और 13 लक्ष्यों के आधार पर स्टडी की गई। इसमें प्रति एक लाख की आबादी पर होने वाले मर्डर केस, क्राइम रेट, बच्चों पर हुए अपराध, दहेज के केस, महिलाओं के नाम पर कितने प्रतिशत जमीनें, कितने बेघर, बीपीएल आदि बिन्दुओ के आधार पर आकलन किया गया।

इसके अलावा स्वास्थ्य को लेकर भी सर्वे हुआ। जिसमें दो श्रेणियों, 15 से 49 साल और 6 माह से 59 माह की कितनी महिलाएं और बच्चे को शामिल किया गया. इन श्रेणियों में कितने लोग एनीमिक हैं या इनमें कितने लोगो का टीकाकरण हुआ है. इसी प्रकार शिक्षा को लेकर किये गए सर्वे में कक्षा 1 से 5 तक का नामांकन भी शामिल था।

 

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