न्यूज डेस्क। दिल्ली में भाजपा ने 27 साल बाद स्पष्ट बहुमत हासिल किया है। दिल्ली विधानसभा की कुल 70 सीटों में से भाजपा ने 48 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) को सिर्फ 22 सीटें ही मिल पाईं। इस चुनाव में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुल सका, और उसे एक भी सीट नहीं मिली। इस बार के चुनाव में AAP के कई दिग्गज नेता भी हार गए, जिनमें अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सोमनाथ भारती और अवध ओझा जैसे प्रमुख नेता शामिल हैं। यह हार पार्टी के लिए एक बड़ा झटका साबित हुई है।
भाजपा ने 1993 में 53 सीटों के साथ दो तिहाई बहुमत हासिल किया था, और इस बार पार्टी ने 71% स्ट्राइक रेट के साथ 40 सीटें बढ़ाई। भाजपा ने 68 सीटों पर चुनाव लड़ा और 48 सीटों पर जीत दर्ज की। वहीं, AAP को 40 सीटों का नुकसान हुआ और उसका स्ट्राइक रेट 31% रहा। भाजपा ने 2020 के चुनाव के मुकाबले वोट शेयर में 9% से ज्यादा का इजाफा किया, जबकि AAP का वोट शेयर 10% से ज्यादा घट गया। कांग्रेस, जो कि एक भी सीट नहीं जीत पाई, ने हालांकि वोट शेयर में 2% का इजाफा किया है।