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केजरीवाल के मंत्री ने हिंन्दु देवी-देवताओं को ना मानने की शपथ दिलाई, गुजरात चुनाव तक आंच पहुंची तो इस्तीफा दिलाया

विजयदशमी पर दिल्ली में हुए बौद्ध सम्मलेन में दिया भाषण हुआ वायरल,
दावे के अनुसार करीब दस हजार लोगो ने स्वीकार किया था बौद्ध धर्म

आख़िरकार दिल्ली सरकार में सामाजिक न्याय मंत्रालय संभल रहे मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। माना जा रहा है की विजयादशमी पर दिल्ली में हुए बौद्ध सम्मेलन में हिंदू देवी-देवताओं को न मानने की शपथ दिलाने के आरोपों से चर्चा में आये गौतम के चलते आप पार्टी को गुजरात में होने वाले संभावित नुकसान से बचने के लिए ऐसा किया गया.

विजयदशमी पर गौतम के बयानों के आधार पर भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने वीडियो शेयर करके मंत्री की बर्खास्ती की मांग की थी।

सीमापुरी से विधायक राजेन्द्र पाल गौतम पार्टी के दलित चेहरे हैं। उनके पास सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, अनुसूचित जाति/जनजाति, रजिस्ट्रार ऑफ को-आपरेटिव सोसाइटीज मंत्रालय की जिम्मेदारी थी।

अपने इस्तीफे की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा की मैं भाजपा के खिलाफ लड़ता रहूंगा। वे मेरे नाम पर हमारे नेता अरविन्द केजरीवाल को टारगेट कर रहे थे। अपने नेता पर मैं आंच नहीं आने दूंगा।

राजेंद्र पाल ने कहा था- मेरी आस्था से किसी को क्या दिक्कत
हालाँकि वीडियो वायरल होने के बाद राजेंद्र गौतम ने कहा था की अगर मेरी आस्था बौद्ध धर्म में है तो उससे किसी को क्या दिक्कत है? भाजपा को शिकायत करनी है तो वह करे। भारत का संविधान हमें किसी भी धर्म को मानने की आजादी देता है। भाजपा की जमीन खिसक रही है और वह आम आदमी पार्टी से डरती है।

गुजरात तक पहुँच गयी विवाद की आंच, अब डेमेज कंट्रोल की कवायद

गौतम के बयानों के वायरल होने के बाद गुजरात के अहमदाबाद, सूरत और राजकोट की सड़कों पर शनिवार को हिंदू विरोधी नारों के साथ पोस्टर दिखाई दिए। इन पोस्टर्स में अरविंद केजरीवाल को मुस्लिम टोपी पहने दिखाया गया था। एक में लिखा था की मैं हिंदू धर्म को पागलपन मानता हूं। वहीं दूसरे में लिखा की मैं ब्रह्मा, विष्णु, महेश और कृष्ण को ईश्वर नहीं मानता।

 

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