यूपी में निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के मामले को लेकर योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ यूपी सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। हाईकोर्ट ने बिना ओबीसी आरक्षण दिए चुनाव के लिए कहा था। हाईकोर्ट ने जनवरी में ही चुनाव प्रक्रिया पूरी करने के लिए भी कहा है। ऐसे में यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से आदेश पर रोक की मांग की है। जानकारी के अनुसार 2 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट खुलने पर इस मामले में सुनवाई हो सकती है।
दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने कहा था कि राज्य में इस बार निकाय चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण के ही होगा। इसी आदेश पर रोक की मांग के लिए यूपी सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची है।
आपको बता दें कि यूपी में स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण देने के लिए योगी आदित्यनाथ की सरकार ने 5 सदस्यीय पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया है। उत्तरप्रदेश सरकार की ओर से गठित ये आयोग मानकों के आधार पर पिछड़े वर्गों की आबादी को लेकर सर्वे कर शासन को रिपोर्ट करेगा। रिटायर्ड जस्टिस राम अवतार सिंह को आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इस आयोग के सदस्यों में महेंद्र कुमार, चोब सिंह वर्मा, संतोष विश्वकर्मा और ब्रजेश सोनी भी शामिल हैं।
इससे पहले 27 दिसंबर को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि प्रदेश सरकार स्थानीय निकाय चुनाव में आयोग गठित कर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग के नागरिकों को आरक्षण की सुविधा उपलब्ध कराएगी। इसके बाद ही नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन को सम्पन्न कराया जाएगा।
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