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राजस्थान में UPSC की तैयारी कैसे करें? गाइड और ज़रूरी संसाधन

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की ओर से आयोजित होने वाली सिविल सेवा परीक्षा Civil Services Examination (CSE) देश की सबसे प्रतिष्ठित और कठिन परीक्षाओं में से एक है। हर साल लाखों युवा इस परीक्षा में सफलता हासिल कर IAS, IPS, IFS बनने का सपना देखते हैं। कई अभ्यर्थियों का लक्ष्य IAS, IPS, IFS जैसी सेवाओं में जाने का होता है, जिसका रास्ता Civil Services Examination से जाता है।

अब तक जहां दिल्ली, इलाहाबाद जैसे शहर ही मुख्य रूप रूप से UPSC की तैयारी के गढ़ रहे हैं, वहीं अब राजस्थान भी इस दौड़ में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। यहां पर बेहतर सुविधाएं, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने से, राजस्थान अब UPSC अभ्यर्थियों के लिए पसंदीदा जगह बनता जा रहा है।

यदि आप भी राजस्थान में रहकर UPSC की तैयारी करने का मन बना रहे हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए अच्छा गाइड साबित होगा। यहां हम आपको UPSC की तैयारी से जुड़ी हर ज़रूरी जानकारी, संसाधनों और रणनीतियों के बारे में विस्तार से बताएंगे।

UPSC क्या है और इसके लिए योग्यता क्या होनी चाहिए?

UPSC की Civil Services Examination सिविल सेवा परीक्षा भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है, जो केंद्र सरकार के विभिन्न प्रशासनिक पदों पर भर्ती के लिए आयोजित की जाती है। इसमें तीन चरण होते हैं, जो निम्नलिखित हैं।

  1. प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary Examination): यह एक वस्तुनिष्ठ यानी multiple choice questions परीक्षा होती है, जिसमें दो पेपर होते हैं – पहला सामान्य अध्ययन (GS) पेपर-I और सामान्य अध्ययन (GS) पेपर-II (CSAT) होता है। हालांकि यह परीक्षा सिर्फ़ स्क्रीनिंग के लिए होती है, और इसके अंक अंतिम मेरिट में नहीं जुड़ते हैं।
  2. मुख्य परीक्षा (Main Examination): यह एक लिखित परीक्षा होती है, जिसमें 9 पेपर होते हैं। इनमें से 2 पेपर क्वालिफ़ाइंग होते हैं और 7 पेपर के अंक अंतिम मेरिट में जुड़ते हैं। इसमें निबंध, सामान्य अध्ययन के चार पेपर और दो वैकल्पिक विषय के पेपर शामिल होते हैं।
  3. साक्षात्कार (Interview/Personality Test): मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले अभ्यर्थियों को साक्षात्कार Interview के लिए बुलाया जाता है। यह Personality Test होता है, जिसमें अभ्यर्थी की मानसिक सतर्कता (Mental Alertness), आलोचनात्मक सोच (Critical Thinking) और सामाजिक गुणों (Social Qualities) आदि का आकलन किया जाता है।

UPSC के लिए योग्यता:

राष्ट्रीयता: अभ्यर्थी भारत का नागरिक होना चाहिए।

शैक्षणिक योग्यता: किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री (Graduation) होना अनिवार्य है। स्नातक के अंतिम वर्ष के छात्र भी आवेदन कर सकते हैं, लेकिन मुख्य परीक्षा आवेदन से पहले उनका परिणाम आना जरूरी है।

आयु सीमा: सामान्य वर्ग के लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष और अधिकतम आयु 32 वर्ष निर्धारित है। आरक्षित श्रेणियों (OBC, SC, ST) के लिए आयु सीमा में छूट का प्रावधान है।

प्रयासों की संख्या: परीक्षा में बैठने के लिए सामान्य वर्ग के लिए 6 प्रयास होते हैं, जबकि OBC के लिए 9 और SC/ST के लिए अधिकतम आयु सीमा तक प्रयासों की कोई सीमा नहीं होती है।

क्यों बन रहा है राजस्थान UPSC तैयारी का नया हब?

हाल के वर्षों में राजस्थान भी UPSC की तैयारी के लिए केंद्र के रूप में उभरा है। पहले राजस्थान के युवाओं को तैयारी के लिए दिल्ली और प्रयागराज जाना पडता था, लेकिन अब राजस्थान में भी UPSC की तैयारी के अवसर मिल रहे हैं, जिसके कई कारण हैं।

शांत और अनुकूल वातावरण: राजस्थान के कई शहर, विशेषकर जयपुर, कोटा और उदयपुर में दिल्ली जैसे बड़े की तुलना में शांत और पढ़ाई के लिए बेहतर वातावरण है। यहां पर रहने का खर्चा भी दिल्ली के मुकाबले कम आता है।

बढ़ते कोचिंग संस्थान: दिल्ली के कई नामी कोचिंग संस्थानों ने अब राजस्थान में भी अपनी शाखाएं खोल ली है। जिससे छात्रों को अपने गृह राज्य में ही अच्छी कोचिंग मिल पा रही है। स्थानीय स्तर पर भी कई संस्थान खुले हैं।

सरकारी सहायता और योजनाएं: राजस्थान सरकार UPSC अभ्यर्थियों को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं चला रही है, जिनमें ‘मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना’ प्रमुख है। इस योजना में आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को सहायता प्रदान की जाती है।

बेहतर सुविधाएं: अब राजस्थान में भी लाइब्रेरी, अध्ययन केंद्र और डिजिटल संसाधन, हॉस्टल जैसी सुविधाएं आसानी से उपलब्ध हैं, जिससे अभ्यर्थियों का राजस्थान में ही रहकर तैयारी करना आसान हो गया है।

सफल अभ्यर्थियों की बढ़ती संख्या: राजस्थान से भी UPSC में चयनित होने वाले अभ्यर्थियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे यहां के छात्रों में भी आत्मविश्वास बढ़ा है और वे अपने राज्य में रहकर ही तैयारी करने को प्राथमिकता दे रहे हैं।

राजस्थान के प्रमुख UPSC कोचिंग संस्थान Rajasthan upsc taiyari contact number

राजस्थान में भी अब दिल्ली की तरीह UPSC की तैयारी के लिए कई बेहतरीन कोचिंग संस्थान हैं, खासकर जयपुर में इसकी संख्या अधिक हैं। हालांकि अन्य शहरों में कई संस्थान खुल गए हैं। यहां कुछ प्रमुख संस्थानों की सूची दी गई हैं।

जयपुर में UPSC कोचिंग संस्थान

  1. दृष्टि IAS
  2. द विज़न IAS
  3. अभिज्ञान IAS
  4. उत्कर्ष क्लासेज़ (Utkarsh Classes)
  5. संस्कार IAS
  6. प्रज्ञा IAS

इसके अलावा राजस्थान के अन्य शहरों जैसे उदयपुर, कोटा, जोधपुर आदि में भी कई कोचिंग संस्थान संचालित हैं, जो भी UPSC की कोचिंग सुविधा उपलब्ध करवाते हैं।

हालांकि किसी भी कोचिंग संस्थान में प्रवेश लेने से पहले, आप डेमो क्लास जरूर लें, फैकल्टी के बारे में जानकारी लें और पुराने छात्रों से फीडबैक भी अवश्य लें, ताकि आप अपने अनुसार बेहतर कोचिंग सेन्टर का चयन कर सके।

UPSC अभ्यर्थियों के लिए मुख्यमंत्री अनुप्रति योजना क्या है?

राजस्थान सरकार की ‘मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना’ UPSC सहित विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के मेधावी विद्यार्थियों के लिए लाभकारी पहल है। इसका उद्देश्य Civil Services (IAS, IPS, RAS), REET, NEET, JEE, CLAT, आदि के लिए नि:शुल्क या रियायती दरों पर गुणवत्तापूर्ण कोचिंग प्रदान करना है, जो आर्थिक तंगी के कारण महंगी कोचिंग का खर्च वहन नहीं कर सकते हैं।

योजना की मुख्य विशेषताएं

पात्रता: यह योजना राजस्थान के मूल निवासियों के लिए हैं, जिसमें अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), विशेष पिछड़ा वर्ग (SBC), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), अल्पसंख्यक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के छात्रों को लाभ मिलता है। इसमें वे छात्र भी शामिल हैं जिनके माता-पिता राज्य सरकार के कार्मिक होने पर पे-मैट्रिक्स-11 तक का वेतन प्राप्त कर रहे हैं।

लाभ: चयनित छात्रों को प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थानों में UPSC (IAS), RPSC (RAS), REET, पटवारी, कांस्टेबल, इंजीनियरिंग, मेडिकल आदि विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोचिंग की सुविधा मिलती है। इसके अतिरिक्त विद्यार्थियों को अपने शहर से अन्य शहर में जाकर कोचिंग करने हेतु ₹40,000 प्रति वर्ष की आर्थिक सहायता भी दी जाएगी जिससे कि विद्यार्थी हॉस्टल एवं खान-पान इत्यादि का खर्च वहन कर सके।

मुखयमंत्री अनुप्रति फ्री कोचिंग योजना 2025 ऑनलाइन आवेदन कैसे करें?

  • विभाग द्वारा विज्ञप्ति / EOI जारी होने के बाद इच्छुक अभ्यर्थी द्वारा ई-मित्र/स्वयं की एसएसओ आईडी के माध्यम से योजना के विभागीय पोर्टल पर जनाधार कार्ड के ​जरिये आवेदन कर सकते हैं। जनाधार पोर्टल से योजना के विभागीय पोर्टल पर केवल सत्यापित डेटा ही प्राप्त किया जाता है।
  • अभ्यर्थियों से निर्धारित पात्रता के अनुसार ऑनलाईन आवेदन पत्र प्राप्त कर मैरिट जारी करने के लिए अभ्यर्थियों से जाति प्रमाण पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र, 10वीं व 12वीं की अंकतालिका का आदि का सत्यापन किया जाता है।
  • परीक्षार्थियों की मेरिट का निर्धारण न्यूनतम योग्यता 10वीं अथवा 12वीं में प्राप्त अंकों के आधार पर किया जाता है। मेरिट निर्धारण के लिए 10वीं अथवा 12वीं की बोर्ड परीक्षा में CBSE & दूसरे बोर्ड द्वारा प्रदत्त प्रतिशत को 0.9 के गुणांक से गुणा किया जाएगा, जबकि RBSE बोर्ड के 10वीं/ 12वीं में प्राप्त प्रतिशत को यथावत रखा जाएगा।
  • योजनान्तर्गत किसी पाठ्यक्रम / परीक्षा हेतु आवेदन करते समय पोर्टल पर उस पाठ्यक्रम/परीक्षा के लिए सूचीबद्ध कोचिंग संस्थानों में से विद्यार्थियों को प्राथमिकता क्रम भरना होगा। अभ्यर्थी को विभाग द्वारा योजनान्तर्गत निर्धारित लक्ष्यों के दायरे में योग्यता सह वरियता (Merit Cum Preference) के आधार पर कोचिंग संस्थान का आवंटन किया जाएगा। किसी कोचिंग संस्थान की वरीयता भरने वाले ऐसे अभ्यर्थी जिनके न्यूनतम योग्यता की परीक्षा में एक समान प्राप्तांक हों तो उन अभ्यर्थियों में से अधिक उम्र वाले अभ्यर्थी की वरीयता को प्राथमिकता दी जाएगी।

मुखयमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना चयन प्रक्रिया

Mukhyamantri Anuprati Coaching Yojana Selection Process के बारे में बात करें तो इस योजना में विधार्थी का चयन 10वीं व 12वीं में प्राप्त अंकों की मेरिट आधार पर किया जाएगा। मेरिट के लिए 10वी या 12वी की CBSE बोर्ड द्वारा प्रदत प्रतिशत को 0.9 के गुणांक से गुण किया जाएगा। जबकि RBSE बोर्ड के 10वी या 12वी मे प्राप्त अंकों के प्रतिशत को यथावत रखा जाएगा।

मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना के अंतर्गत राजस्थान सरकार के समाज कल्याण एवं अधिकारिता विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है, जो अन्य सभी विभागों के साथ समन्वय करके योजना का संचालन करता है। इसके अंतर्गत प्रत्येक जिले से वर्गवार (प्रत्येक वर्ग के लिए अलग मेरिट) मेरिट जारी की जाती है। इस योजना के अंतर्गत विभिन्न कोर्स के लिए 10वीं, 12वीं अथवा ग्रेजुएशन में प्राप्त अंकों के आधार पर चयन किया जाएगा।

ऑनलाइन UPSC तैयारी के संसाधन क्या हैं? Rajasthan upsc taiyari syllabus

डिजिटल युग में, ऑनलाइन संसाधन भी UPSC की तैयारी का एक अभिन्न अंग बन गए हैं। ये संसाधन विशेष रूप से उन छात्रों के लिए फायदेमंद हैं जो दूरदराज के इलाकों में रहते हैं या जो कोचिंग का खर्च नहीं उठा सकते।

सरकारी वेबसाइट्स से तैयारी

UPSC की आधिकारिक वेबसाइट: यहां पर परीक्षा से संबंधित सभी अधिसूचनाएं, पाठ्यक्रम, पिछले वर्षों के प्रश्नपत्र यहीं उपलब्ध होते हैं, जो काफी फायदेमंद हैं।

पीआईबी (Press Information Bureau): सरकारी नीतियों और योजनाओं के बारे में अपडेट के लिए Press Information Bureau की वेबसाइट भी उपयोगी है।

इंडिया ईयर बुक (India Year Book): विभिन्न सरकारी विभागों की जानकारी के लिए इसे अवश्य पढना चाहिए।

योजना और पत्रिकाएं: ग्रामीण विकास, सामाजिक-आर्थिक मुद्दों पर जानकारी के लिए सरकारी योजनाओं की पत्रिकाएं भी उपयोगी हैं।

समाचार वेबसाइटें और ऐप्स:

द हिंदू (The Hindu), इंडियन एक्सप्रेस (Indian Express): संपादकीय और विश्लेषण के लिए पढ़ना चाहिए।

लाइवमिंट (Livemint): आर्थिक समाचारों के लिए अवश्य पढ़ें।

ऑल इंडिया रेडियो न्यूज़ (AIR News): ऑडियो माध्यम से समाचार सुनने के लिए अच्छा विकल्प।

ऑनलाइन कोचिंग प्लेटफॉर्म और YouTube चैनल:

उपरोक्त के अलावा दृष्टि IAS, विज़न IAS, अनअकैडमी (Unacademy), : इनके ऐप और डिजिटल प्लेटफॉर्म भी ऑनलाइन कक्षाएं, टेस्ट सीरीज़ और तैयारी से जुड़ी सामग्री प्रदान करते हैं। साथ ही, कई यूट्यूब चैनल्स पर भी UPSC की तैयारी के लिए काफी सारे वीडियोज मिल जाएंगे।

सरकारी ऐप्स:

स्वयं (SWAYAM): यह विभिन्न विषयों पर फ्री ऑनलाइन पाठ्यक्रम उपलब्ध करवाता है।
ई-पाठशाला (e-Pathshala): NCERT की किताबें और अन्य अध्ययन सामग्री इस पर मिल जाएगी।

कैसे करें यूपीएससी की तैयारी घर बैठे? बिना कोचिंग के मार्गदर्शन Rajasthan upsc taiyari result

बिना कोचिंग के UPSC की तैयारी करना संभव है, लेकिन इसके लिए अत्यधिक अनुशासन, लगन, मेहनत और सही रणनीति की आवश्यकता होती है।

  1. सिलेबस और पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों को समझना जरूरी: अपनी UPSC की तैयारी शुरू करने से पहले, UPSC की ओर से जारी विस्तृत सिलेबस को अच्छी तरह से समझना चाहिए। पिछले 5-10 वर्षों के प्रश्नपत्रों का विश्लेषण करें ताकि आपको परीक्षा पैटर्न और महत्वपूर्ण विषयों का अंदाजा लग सके।
  2. पुस्तकों का चयन करें: NCERT की किताबें कक्षा 6 से 12 तक तैयारी का बेस बनाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इसके बाद, प्रत्येक विषय के लिए सिलेबस से जुड़ी पुस्तकों का चयन करें।
    इतिहास: स्पेक्ट्रम (आधुनिक भारत), नितिन सिंघानिया (कला और संस्कृति), NCERT (प्राचीन और मध्यकालीन)।
    भूगोल: जी.सी. लियोंग, माजिद हुसैन, NCERT.
    भारतीय राजव्यवस्था: लक्ष्मीकांत।
    अर्थव्यवस्था:रमेश सिंह, शंकर गणेश, आर्थिक सर्वेक्षण।
    पर्यावरण: शंकर IAS.
    विज्ञान और प्रौद्योगिकी: करंट अफेयर्स, NCERT.
  3. नियमित रूप से समाचार पत्रों का अध्ययन करें: ‘द हिंदू’ या ‘इंडियन एक्सप्रेस’ जैसे समाचार पत्रों को प्रतिदिन पढ़ना चाहिए। संपादकीय और महत्वपूर्ण राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं पर विशेष ध्यान देते हुए अपने नोट्स तैयार करें।
  4. नियमित नोट्स बनाएं: आप जो भी पढ़ें, उसके संक्षिप्त और व्यवस्थित नोट्स बनाने चाहिए। ये नोट्स रिवीजन के समय बहुत काम आते हैं।
  5. उत्तर लिखने का अभ्यास करें: मुख्य परीक्षा में सफलता के लिए उत्तर लिखने की कला महत्वपूर्ण है। इसलि प्रतिदिन कम से कम एक या दो उत्तर लिखने का अभ्यास करें।
  6. नियमित रूप से मॉक टेस्ट दें: अपनी तैयारी का मूल्यांकन करने के लिए नियमित रूप से प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा के मॉक टेस्ट जरूर देना चाहिए।
  7. रिवीजन पर जोर दें: UPSC का पाठ्यक्रम बहुत ज्यादा है, इसलिए रिवीजन बहुत ज़रूरी है। जो कुछ भी पढ़ा है, उसका नियमित अंतराल पर रिवीजन करते रहें।
  8. स्वास्थ्य और मानसिक संतुलन भी जरूरी: UPSC की तैयारी लम्बे समय तक चलती है। इसलिए अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें। पर्याप्त नींद लें, पौष्टिक भोजन करें और तनाव से बचने के लिए व्यायाम या ध्यान भी करना चाहिए।

आप बिना कोचिंग के भी घर पर बैठकर लगन, अनुशासन और मेहनत के साथ तैयारी पूरी कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए आपको खुद के लिए नियम बनाने होंगे, टाइम मैनेजमेंट भी बहुत जरूरी है। अगर सही टाइम मैनेजमेंट के सा​थ आप, पर्याप्त पढ़ाई करते हैं तो सफलता अवश्य मिलेगी।

यूपीएससी तैयारी कैसे करें?

यूपीएससी की तैयारी के लिए सबसे पहले सिलेबस को अच्छे से समझें और पिछले सालों के प्रश्नपत्रों का विश्लेषण करें। इससे आपको परीक्षा के पैटर्न और महत्वपूर्ण विषयों का अंदाज़ा लग जाएगा। अपनी तैयारी को तीन स्टेज में विभाजित करें। प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और upsc interview यानी साक्षात्कार। हर स्टेज के लिए अलग रणनीति बनाएं.।

यूपीएससी तैयारी कैसे करते हैं?

यूपीएससी की तैयारी के लिए आपको अपनी दिनचर्या बनानी होगी। इसमें पढ़ाई, करेंट अफेयर्स (समसामयिक घटनाएं), नोट्स बनाना और upsc answer writing का अभ्यास शामिल करें। NCERT की किताबें तैयारी का बेस बनाने के लिए बहुत ज़रूरी हैं। इसके बाद हर विषय के लिए संबंधित किताबों का चयन करें। साथ ही, रोज अख़बार पढ़ें और उनके नोट्स बनाएं। मॉक टेस्ट देकर अपनी तैयारी का मूल्यांकन करें।

यूपीएससी तैयारी रणनीति

यूपीएससी की तैयारी के लिए एक प्रभावी रणनीति ज़रूरी है।

बेसिक्स क्लियर करें: NCERT की किताबों से शुरुआत करें और अपना बेसिक्स क्लियर करें।
करेंट अफेयर्स पर पकड़: करेंट अफेयर्स के लिए रोज़ाना अख़बार और मासिक पत्रिकाएं पढ़ें।
नोट्स बनाएं: हर विषय और करेंट अफेयर्स के लिए संक्षिप्त और प्रभावी नोट्स बनाएं।
उत्तर लेखन का अभ्यास: मुख्य परीक्षा के लिए रोज़ाना उत्तर लिखने का अभ्यास करें।
रिवीजन: जो भी पढ़ें, उसका रिवीजन अवश्य करें।
मॉक टेस्ट: समय-समय पर मॉक टेस्ट दें और कमियों को दूर करें।

यूपीएससी तैयारी पुस्तकें

यूपीएससी की तैयारी के लिए कुछ ज़रूरी किताबें निम्नलिखित हैं।

1. इतिहास: स्पेक्ट्रम (आधुनिक भारत), NCERT (प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक)
2. भारतीय राजव्यवस्था: एम. लक्ष्मीकांत।
3. भूगोल: जी.सी. लियोंग, NCERT (कक्षा 6-12)।
4. भारतीय अर्थव्यवस्था: रमेश सिंह या शंकर गणेश की किताब, आर्थिक सर्वेक्षण।
5. पर्यावरण और पारिस्थितिकी: शंकर आईएएस।
6. विज्ञान और प्रौद्योगिकी: करेंट अफेयर्स पर ज़्यादा ध्यान दें और NCERT (9-10वीं)।
7. कला एवं संस्कृति: नितिन सिंघानिया।
8. सामान्य अध्ययन: पिछले वर्षों के हल प्रश्नपत्र और टेस्ट सीरीज़ देखें।

इन किताबों के अलावा, ‘योजना’ और ‘कुरुक्षेत्र’ जैसी सरकारी पत्रिकाएं भी मददगार होती हैं।