लालसोट से बीजेपी विधायक रामबिलास मीणा ने अपनी ही सरकार के यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा की कार्यशैली पर असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने यहां तक कहा कि वे इस मामले को सीएम भजनलाल शर्मा के सामने उठाएंगे। सोमवार को सचिवालय में मीणा और खर्रा की मुलाकात हुई, जिसमें दोनों के बीच तीखी बहस हो गई। विधायक मीणा ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, “मेरे विधानसभा क्षेत्र में जेईएन-एईएन के पद खाली पड़े हैं। आज चौथी बार मंत्री झाबर सिंह खर्रा से एक जेईएन की नियुक्ति के लिए मिला हूं, लेकिन मंत्री जी को इसकी कोई परवाह नहीं है। ऐसे तो हमारी सरकार में मंत्री बैठे हैं, जो सो रहे हैं।
‘सरकार बदलने का कोई असर नहीं दिख रहा’
रामबिलास मीणा ने कहा, “सरकार में काम नहीं हो रहा है, और यह हर विधायक की पीड़ा है। मैं सीएम से मिलकर इस स्थिति की शिकायत करूंगा। ऐसा लग ही नहीं रहा कि प्रदेश में सरकार बदली है। मेरे विधानसभा क्षेत्र की नगरपालिका में पर्याप्त स्टाफ नहीं है, और मंत्री कोई सुनवाई नहीं कर रहे हैं। उनके चक्कर ही काटने पड़ रहे हैं। इससे पहले भी कई विधायक सरकार की कार्यप्रणाली से नाराजगी जता चुके हैं। करीब डेढ़ महीने पहले बांदीकुई से बीजेपी विधायक भागचंद टांकड़ा ने विधानसभा में अपनी ही सरकार के वन विभाग पर वसूली के आरोप लगाए थे। उन्होंने विधानसभा में कहा था कि मेरे क्षेत्र में वनकर्मी अवैध वसूली कर रहे हैं। बजरी की ट्रैक्टर-ट्रॉली को मिट्टी की बताकर कम जुर्माना लगाया जाता है और ट्रैक्टर मालिकों से 50-50 हजार रुपए रिश्वत ली जाती है।
विधायक ने बताया कि जब उन्होंने इस अवैध वसूली का विरोध किया, तो वन विभाग ने उल्टा उन पर राजकार्य में बाधा डालने और मारपीट जैसी विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज करवा दिया। इसके अलावा, अन्य कई विधायक भी सरकार में काम न होने की शिकायतें कर चुके हैं।