उदयपुर। उदयपुर पुलिस को दो अलग अलग मामलों में बड़ी सफलता हासिल की है। उदयपुर शहर की अंबामाता थाना पुलिस ने युवक पर चाकू से जानलेवा हमला करने के मामले में हिस्ट्रीशीटर अलनवाज सहित आरोपी अल्पेश उर्फ अजमेरी को गिरफ्तार किया है। प्राथमिक जांच में हमला पुरानी रंजिशवश करना सामने आया है।
जानकारी के अनुसार, घटना दो दिन पहले रात करीब 9 बजे भीलू राणा कॉलोनी की है। युवक वीरेन्द्र मीणा घर लौट रहा था। इसी दौरान, स्कूटी सवार दो युवक आए और वीरेन्द्र मीणा को रोककर मारपीट करने लगे। उन्होंने वीरेन्द्र पर चाकू से वार कर दिया।
घायल वीरेन्द्र अपनी बहन के घर पहुंचा और घटना की जानकारी दी। इसके बाद उसे हॉस्पिटल ले जाया गया। वीरेन्द्र के पिता गंगा मीणा ने अंबामाता थाने में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। घटना में एक और आरोपी की भूमिका भी सामने आई है, जिसकी तलाश जारी है।
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17 किलो चांदी लूट कर भागे थे; 2 राज्यों में पुलिस भेजकर पकड़ा
इधर, उदयपुर की डबोक थाना पुलिस ने 17 किलो से अधिक चांदी के जेवरात से भरा बैग छीनकर फरार होने वाली महाराष्ट्र की डकैती गैंग का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने डकैती में शामिल मुख्य आरोपी सहित 5 युवकों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने मामले में आरोपी नरेश उर्फ रोहित गायरी निवासी डबोक, सुरेशचंद्र गायरी निवासी डबोक, नितेश निवासी पुणे, सुजल गायकवाड निवासी पुणे और भरत ओसवाल निवासी पुणे को गिरफ्तार किया है।
घर ले जाने को दिए थे जेवरात
पुलिस के अनुसार शिव कुमार सोनी ने 17 अप्रैल 2025 को थाने में रिपोर्ट दी थी। जिसमें बताया कि उसकी डबोक में चारभुजा ज्वेलर्स की दुकान है। 16 अप्रैल को शाम करीब 6 बजे उसने अपने बेटे अंशुमान को रोज की तरह दुकान में रखे चांदी जेवरात एक थैले में भरकर घर ले जाने को दिए थे। बेटा बाइक से घर के लिए रवाना हुआ। लेकिन थोड़ी ही देर बाद, परिचित पवन नागदा ने दुकान पर आकर बताया कि अंशुमान रोड के एक तरफ पड़ा हुआ है। उसके सिर से खून निकल रहा है।
पिता शिव कुमार तुरंत मौके पर पहुंचे तो अंशुमान बेहोश अवस्था में मिला। उसे तुरंत हॉस्पिटल पहुंचाया गया। लोगों से पूछने पर मालूम चला कि दो से तीन नकाबपोश युवक आए थे और किसी हथियार से हमला कर अंशुमान को नीचे गिरा दिया था। जिसके बाद चांदी से भरा बैग छीनकर फरार हो गए। मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने टीम गठित करते हुए आरोपियों की तलाश शुरू की।
पुलिस ने उदयपुर के अलावा मंगलवाड़, चित्तौड़गढ़, मावली, राजसमंद सहित बांसवाड़ा आदि जगहों के करीब 210 सीसीटीवी फुटेज खंगाले। जिसके बाद आरोपियों की पहचान हुई। आरोपियों के महाराष्ट्र और गुजरात फरार होने की सूचना मिली। जिसके बाद टीमें गुजरात और महाराष्ट्र भेजी गई। करीब 20 दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।