कोटा राजनीति

कांग्रेस नेता का धारीवाल पर बड़ा आरोप, बोले- कुछ नेता बिक गए थे, इस लिए हार गए प्रह्लाद गुंजल!

न्यूज डेस्क। कोटा कांग्रेस में लोकसभा चुनाव 2024 में कोटा-बूंदी सीट पर कांग्रेस की हार के बाद से घमासान मचा हुआ है। शहर कांग्रेस जिलाध्यक्ष रविंद्र त्यागी के नाम से एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वह कांग्रेस विधायक शांति धारीवाल पर पार्टी के खिलाफ काम करने का आरोप लगा रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो शहर कांग्रेस जिलाध्यक्ष रविंद्र त्यागी का है। जिसमें त्यागी का दावा है कि धारीवाल की वजह से ही पार्टी प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल को हार का सामना करना पड़ा। वीडियो में त्यागी यह भी कहते दिख रहे हैं कि चुनाव में कांग्रेस नेताओं पर काफी दबाव था और कुछ नेता ‘बिक गए’ थे। वीडियो की सत्यता की पुष्टि खबर राजस्थान नहीं करता है।

वायरल वीडियो के बाद हंगामा

इस वीडियो के सामने आने के बाद राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गया है। एनडीटीवी की खबर के अनुसार – वीडियो में जिलाध्यक्ष रविंद्र त्यागी कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए दिख रहे हैं और उनके साथ कांग्रेस प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल भी मौजूद हैं। हालांकि, रविंद्र त्यागी ने इस वीडियो को ‘बहुत पुराना’ बताया है और अपने आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने खुद को 50 सालों से कांग्रेस का सच्चा सिपाही बताया है।

धारीवाल और अन्य कांग्रेस नेताओं की प्रतिक्रिया

एनडीटीवी की खबर के अनुसार – पूर्व मंत्री शांति धारीवाल ने इस मामले पर कोई भी टिप्पणी करने से मना कर दिया है। वहीं, स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने रविंद्र त्यागी के बयानों पर कड़ी आपत्ति जताई है। मेयर मंजू मेहरा, उप महापौर सोनू कुरैशी, पीसीसी सदस्य डॉ. जफर मोहम्मद और कांग्रेस नेता राजेंद्र सांखला ने एक संयुक्त बयान जारी कर त्यागी के आरोपों को निराधार बताया है।

इन नेताओं का कहना है कि लोकसभा चुनाव में शांति धारीवाल ने अपनी विधानसभा सीट कोटा उत्तर से कांग्रेस प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल को 11,000 वोटों की बढ़त दिलाई थी, जबकि वे खुद विधानसभा चुनाव में केवल 2,400 वोटों से जीते थे। ऐसे में उन पर लगाए गए आरोप तथ्यहीन हैं।

नाम सार्वजनिक करने की मांग और अनुशासनहीनता का आरोप

एनडीटीवी की खबर के अनुसार – स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने जिलाध्यक्ष रविंद्र त्यागी से यह भी मांग की है कि यदि उनके अनुसार कांग्रेस नेता ‘बिके’ थे तो वे उन नेताओं के नाम सार्वजनिक करें। नेताओं का कहना है कि इस तरह के आरोप लगाकर पार्टी को नुकसान पहुंचाने और कार्यकर्ताओं में भ्रम पैदा करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे गैर-जिम्मेदाराना बयानों से पार्टी की छवि धूमिल होती है और अनुशासनहीनता की स्थिति बनती है।