अपराध जयपुर

जिस देवर के लिए धरने पर बैठी थी, उसी पर अब गंभीर आरोप!

जयपुर। पुलवामा हमले में शहीद हुए रोहिताश लांबा की पत्नी मंजू लांबा ने अपने ससुरालवालों और देवर के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है। मंजू का आरोप है कि पति के शहीद होने के बाद जिस देवर के लिए वह सरकारी नौकरी दिलाने के लिए धरने पर बैठी थी, उसने ही धोखा देकर करोड़ों रुपए हड़प लिए। मंजू ने यह भी आरोप लगाया कि ससुरालवालों ने उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया और जान से मारने की कोशिश की।

मंजू ने पुलिस में क्या शिकायत की?

मंजू लांबा ने हरमाड़ा पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई है। रिपोर्ट में उन्होंने बताया कि 14 फरवरी 2019 को पुलवामा हमले में उनके पति शहीद हो गए थे, और उनके बाद वह अपने 2 महीने के बेटे के साथ अकेली रह गईं। पति के शहीद होने के बाद सीआरपीएफ, राज्य सरकार और अन्य संस्थाओं से बैंक खातों में 5 करोड़ रुपए जमा किए गए थे।

मंजू का आरोप है कि ससुर बाबूलाल, सास घीसी देवी और देवर जितेंद्र लांबा ने उनके साथ विश्वासघात किया। उन्होंने बिना मंजूरी के बैंक खातों से चेक पर साइन कर रुपए निकाल लिए। इसके अलावा, देवर ने उनके खाते में अपना मोबाइल नंबर जोड़ लिया, जिससे उन्हें पैसों के ट्रांसफर का कोई मैसेज नहीं आया। देवर ने खाते का नॉमिनी भी बदलकर अपना नाम लिखवाया।

आधा प्लॉट देवर के नाम करवा लिया!

मंजू ने आरोप लगाया कि 2022 में उसे रामपुरा डाबरी में 505 वर्गगज का एक प्लॉट दिलवाया गया, लेकिन धोखे से देवर ने आधा प्लॉट अपने नाम करवा लिया। जब मंजू ने इसका विरोध किया, तो ससुरालवालों ने उसे मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान करना शुरू कर दिया। मंजू ने यह भी आरोप लगाया कि 5 जुलाई 2024 को देवर जितेंद्र लांबा ने जान से मारने के लिए किसी परिचित से उनकी गाड़ी से टक्कर मरवाने की कोशिश की। इसके बाद जब वह अस्पताल से घर लौटीं, तो उन्हें अपने गहनों और डॉक्युमेंट्स की अलमारी में कोई चीज़ नहीं मिली।

देवर ने क्या कहा?

देवर जितेंद्र लांबा ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि भाई की मौत के बाद से भाभी अलग रह रही हैं और वे अक्सर घर में झगड़ा करती हैं। उन्होंने कहा कि भाभी की असली मंशा दूसरी शादी कर विदेश जाने की थी, इसलिए उन्होंने यह सब आरोप लगाए हैं। जितेंद्र ने पुलिस से कहा कि अगर आरोप सही पाए जाते हैं, तो वे खुद को सजा दिलवाने को तैयार हैं। मंजू लांबा ने साल 2019 में अपने देवर जितेंद्र लांबा की सरकारी नौकरी के लिए कांग्रेस नेता सचिन पायलट के बंगले के बाहर धरना दिया था। उसी देवर पर अब धोखाधड़ी का आरोप लगा है। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

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