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सम्मेद शिखर पर सभी पर्यटन और इको टूरिज्म एक्टिविटी पर रोक

sammed sikhar

केंद्र सरकार ने जैन सम्प्रदाय के तीर्थस्थल सम्मेद शिखर पर सभी पर्यटन और इको टूरिज्म एक्टिविटी पर रोक लगाने का निर्देश झारखंड सरकार को जारी किया है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने गुरुवार को इअपने सोशल मीडिया पर इसकी आधिकारिक जानकारी शेयर की है। मंत्री भूपेंद्र यादव ने गुरुवार को दिल्ली में जैन समाज के प्रतिनिधियों से मीटिंग की थी।

मीटिंग के बाद यादव ने कहा कि झारखंड के पारसनाथ पहाड़ पर स्थित जैनियों के पवित्र तीर्थस्थल सम्मेद शिखर की पवित्रता की रक्षा का आग्रह करने वाले जैन समुदाय के लोगों से मिला। उन्हें आश्वासन दिया कि पीएम नरेंद्र मोदी सरकार सम्मेद शिखर सहित जैन समाज के सभी धार्मिक स्थलों पर उनके अधिकारों की रक्षा और संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। मंत्री यादव की गुरुवार को जैन समाज के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद केन्द्र सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी कर तीर्थस्थल सम्मेद शिखर पर सभी पर्यटन और इको टूरिज्म एक्टिविटी पर रोक लगा दी है।

दरअसल, सम्मेद शिखरजी पर्वत क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय महत्व वाला पर्यटन स्थल घोषित किए जाने के खिलाफ जैन समाज लगातार प्रदर्शन कर रहा था, जिसके बाद अब केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला किया। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया कि पर्यटन, इको टूरिज्म गतिविधियों पर तत्काल रोक लगा दी गई है। पारसनाथ क्षेत्र में शराब, तेज आवाज में गाने और मांस की बिक्री पर भी पाबंदी लगाई गई है। इस फैसले के बाद जैन समाज ने खुशी जताई है और सरकार का आभार जताया है।

क्या है पूरा मामला

दरअसल, वर्ष 2019 में केंद्र सरकार ने सम्मेद शिखरजी को ईको पर्यटन स्थल घोषित करने का एलान किया था। इसकी सिफारिश झारखंड सरकार की तरफ से की गई थी। जिसके बाद फरवरी 2022 में झारखंड सरकार ने इसे लेकर अधिसूचना जारी कर दी और सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित कर दिया गया। इस दौरान पर्यटन स्थल के आसपास शराब और मांस की दुकाने खोलने की भी इजाजत दे दी गई, जिसके बाद विवाद शुरू हो गया और जैन समाज आंदोलन पर उतर आया।

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