न्यूज डेस्क। कांग्रेस महासचिव और टोंक से विधायक सचिन पायलट ने गुरुवार को टोंक में मीडिया से बात करते हुए भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश सरकार पर पंचायत चुनाव जानबूझकर टालने का गंभीर आरोप लगाया। पायलट ने कहा कि बीजेपी को चुनाव में हार का डर है, जिसके चलते वह जनता के संवैधानिक अधिकार का हनन कर रही है। सचिन पायलट ने कहा कि चुनाव छह महीने के भीतर कराना एक संवैधानिक अनिवार्यता है, और परिसीमन पूरा होने के बावजूद सरकार इन चुनावों से बच रही है। पायलट ने इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बताया और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि जनता मतपेटी के जरिए अपनी नाराजगी जाहिर करेगी और कांग्रेस को भारी जीत मिलेगी।
केंद्र और राज्य सरकारों पर तीखा हमला
टोंक में विभिन्न विकास कार्यों के लोकार्पण और शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल होने के बाद, सचिन पायलट ने मंच से और मीडिया के सामने केंद्र व राज्य की बीजेपी सरकारों की नीतियों और निर्णयों की कड़ी आलोचना की।किसानों की आय दोगुनी करने और उन्हें सम्मान देने के बीजेपी के वादों पर पायलट ने उपराष्ट्रपति रहे जगदीप धनखड़ के इस्तीफे का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर महज आधे घंटे में इस्तीफा ले लेना कई सवाल खड़े करता है। पायलट ने कहा कि सच्चाई एक दिन सामने आएगी।
धर्म और मजहब की राजनीति करती है बीजेपी
सचिन पायलट ने बीजेपी पर धर्म और मजहब की राजनीति करने और संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग करने का भी आरोप लगाया। न्होंने भाजपा पर चुनावी चंदे का गलत इस्तेमाल करने और लोकतांत्रिक संस्थाओं को दबाने, बिहार चुनाव के संदर्भ में भी बीजेपी की कथनी और करनी पर सवाल उठाए और कहा कि भाजपा की सरकारें जनता के असली मुद्दों से ध्यान भटकाने का काम कर रही हैं।


