राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट मंगलवार को अपने समर्थक कार्यकर्ताओं के साथ जयपुर के शहीद स्मारक पर दिनभर अनशन करेंगे। सचिन पायलट ने वसुंधरा राजे के सीएम रहते हुए घोटालों पर कार्रवाई नहीं होने को मुद्दा बनाकर एक दिन के अनशन की घोषणा की है। सचिन पायलट अपने अनशन में समर्थक मंत्रियों और विधायकों के बजाय आम समर्थकों को साथ रखेंगे।
दरअसल, राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा था कि मैंने मुख्यमंत्री गहलोत को पूर्व CM वसुंधरा राजे के समय हुए घोटालों पर कार्रवाई को लेकर दो बार चिट्ठी लिखी, लेकिन गहलोत ने कोई एक्शन नहीं लिया। उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम वसुंधरा सरकार में हुए भ्रष्टाचार पर कार्रवाई नहीं की गई। जबकि विपक्ष में रहते हुए हमने यह वादा किया था कि जांच कराई जाएगी।
सचिन पायलट ने कहा कि चुनाव को 6-7 महीने बचे हैं, विरोधी भ्रम फैला सकते हैं कि कहीं कोई मिलीभगत तो नहीं है, यह साबित करने के लिए जल्दी कार्रवाई करनी होगी ताकि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को लगे कि हमारी कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है। पायलट ने सवाल उठाया कि क्या कारण है कि बार-बार सत्ता में आने के बावजूद हम विपक्ष में रहते जो आरोप लगाते हैं, उन पर कोई कार्रवाई नहीं करते? हम दोबारा जब चुनाव में जाएंगे तो हमारी बात पर कोई यकीन करे, इसलिए जरूरी है कि हम कोई एक्शन लें।
बताया जा रहा है कि सचिन पायलट के अनशन में शामिल होने के लिए प्रदेशभर से उनके समर्थक जयपुर पहुंचेंगे। पायलट समर्थक नेताओं और विधायकों ने कल ही समर्थकों को जयपुर पहुंचने का मैसेज दे दिया था। ये भी कहा जा रहा है कि सचिन पायलट ने समर्थक मंत्री और विधायकों को रणनीति के तहत अनशन से दूर रखने का फैसला किया है।
पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के अनशन की घोषणा के बाद से कांगेस की अंदरूनी सियासत फिर गर्मा गई है। प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर रंधावा पायलट मामले में डैमेज कंट्रोल के लिए मंगलवार दोपहर जयपुर पहुंच रहे हैं। रंधावा सीएम अशोक गहलोत और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से बैठक करके इस मामले में डैमेज कंट्रोल की कोशिश करेंगे।
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