राजस्थान के जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स फिर से हड़ताल पर चले गए हैं। इससे पूरे प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं प्रभावित हो गई हैं। अकेले जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में 100 से ज्यादा सर्जरी टालनी पड़ी हैं। सरकारी हॉस्पिटल के बाहर सड़कों पर मरीज पड़े हुए हैं। उधर, एसएमएस हॉस्पिटल के इमरजेंसी डिपार्टमेंट ने कॉलेज प्रिंसिपल को पत्र लिखकर हड़ताल पर जाने वाले पीजी रेजिडेंट्स का लाइसेंस निरस्त करने की मांग की है।
आवश्यक सेवाएं भी प्रभावित
आपको बता दें कि 19 अक्टूबर की रात 8 बजे से हड़ताल पर गए रेजिडेंट्स ने ओपीडी, इमरजेंसी, आईपीडी, ओटी, लेबर रूम जैसी इमरजेंसी सेवाओं का बहिष्कार कर दिया है। स्टाइपेंड और सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने समेत अन्य मांगों को लेकर रेजिडेंट डॉक्टर्स तीसरे दिन भी हड़ताल पर हैं। इस बार सीनियर डॉक्टर्स ने इस हड़ताल का समर्थन नहीं किया है।
भास्कर डॉक्टर्स की 5 मांगें…
- स्टूडेंट्स को मिल रहे स्टाइपेंड में बढ़ोतरी की जाए। हर साल निश्चित दर से उसमें वृद्धि की जाए।
- पीजी या सुपर स्पेशलिटी डॉक्टरों को योग्यता के आधार पर नौकरी देने के लिए विशेषज्ञ चिकित्सा अधिकारी (एसएमओ) की सीधी भर्ती की जाए।
- हॉस्पिटल, मेडिकल कॉलेज में सुरक्षा व्यवस्था और बुनियादी ढांचे को पूर्व में हुए समझौते के अनुसार सुदृढ़ किया जाए।
- हॉस्टल की व्यवस्थाओं को बेहतर किया जाए।
- वर्तमान अनिवार्य बॉन्ड नीति में संशोधन किया जाए।