न्यूज डेस्क। राजस्थान में एक ऐसा अजीबो-गरीब घोटाला सामने आया है जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे। यह मामला जुड़ा है राजस्थान रोडवेज के झुंझुनूं डिपो से, जहां कुछ कर्मचारियों ने बिना काम किए सालों तक मोटी सैलरी उठाई और किसी को भनक तक नहीं लगी। लंबे समय से इस गड़बड़ी की फुसफुसाहट चल रही थी, मगर न कोई पूछने वाला था, न कोई कार्रवाई। जब जांच शुरू हुई तो रोडवेज के उच्चाधिकारियों के होश उड़ गए। पता चला कि कई कर्मचारी वर्षों से ड्यूटी पर आ ही नहीं रहे थे और मिलीभगत करके हर महीने वेतन ले रहे थे। इस भ्रष्टाचार से रोडवेज को लाखों का नुकसान हो चुका है।
ACB ने खोला घोटाले का पिटारा
यह घोटाला तब सामने आया जब एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) को शिकायत मिली कि झुंझुनूं डिपो के कई अधिकारी-कर्मचारी ‘घोस्ट स्टाफ’ की तरह सिर्फ वेतन ले रहे हैं, जबकि ड्यूटी पर आना तक गंवारा नहीं समझते। शिकायत के आधार पर ACB ने राजस्थान रोडवेज को पत्र भेजकर जांच की सिफारिश की।
जांच में निकले चौंकाने वाले खुलासे
एमडी पुरुषोत्तम शर्मा के निर्देश पर रोडवेज प्रशासन ने दो बार विस्तृत जांच करवाई। रिकॉर्ड खंगाले गए तो चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई। खुद रोडवेज अध्यक्ष शुभ्रा सिंह ने पुष्टि की कि 16 कर्मचारी लंबे समय से अनुपस्थित थे और बिना काम किए वेतन ले रहे थे।
24 सस्पेंड, 7 रिटायर पर भी कसे शिकंजे
प्राथमिक जांच के आधार पर झुंझुनूं डिपो में कार्यरत 24 अधिकारियों और कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इसमें मुख्य प्रबंधक से लेकर यातायात, संचालन, लेखा और प्रशासन के सभी प्रमुख अधिकारी शामिल हैं। इसके साथ ही, 7 सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी चार्जशीट देने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। जोनल मैनेजर को कारण बताओ नोटिस थमाया गया है और पूर्व में कार्यरत सभी प्रबंधकों को भी CCA की चार्जशीट दी जाएगी।
कंडक्टर-ड्राइवरों के नाम पर ‘डमी स्टाफ’ भेजने का खेल
जांच में यह भी सामने आया कि कई ड्राइवर और कंडक्टर अपनी जगह किसी और को ड्यूटी पर भेजते थे और तनख्वाह खुद लेते थे। यही नहीं, कुछ तो महीनों से गायब थे, मगर वेतन चालू था। अब जब एक साथ इतनी बड़ी कार्रवाई हुई है, तो पूरे झुंझुनूं डिपो में हड़कंप मच गया है।