राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थक 91 विधायकों के इस्तीफों पर अब राजस्थान हाईकोर्ट में 16 जनवरी को अगली सुनवाई होगी। मामले में सोमवार को राजस्थान हाई कोर्ट की जयपुर बेंच में चीफ जस्टिस की पीठ ने सुनवाई की है। हाईकोर्ट ने महाधिवक्ता से विधायकों के इस्तीफों पर स्पीकर के स्तर पर किए जाने वाले फैसले की समय सीमा के बारे में बताने को कहा है।
विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष और भाजपा नेता राजेन्द्र राठौड़ की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने ये निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट ने इस मुद्दे को अनिश्चितकाल के लिए लंबित रखने से इनकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने अधिवक्ता पीसी भंडारी को मामले में पक्षकार बनने की अनुमति देने से भी इनकार कर दिया है।
राजस्थान हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई में स्पीकर और विधानसभा सचिव से इस्तीफों पर नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। सोमवार को महाधिवक्ता ने याचिका पर जवाब पेश करने के लिए समय मांगा। इस पर चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस मामले को अनिश्चितकाल के लिए लंबित रखने से इनकार करते हुए अगले 10 दिन में इस पर फैसले से अवगत करवाने को कहा। कोर्ट ने 16 जनवरी को अगली सुनवाई की तारीख तय की है। इस पर उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि 91 विधायकों के 97 दिनों तक इस्तीफे पर निर्णय न होने पर मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ के सामने मामला विचारधीन था। ये राजस्थान के संसदीय इतिहास में पहला अवसर होगा कि कोर्ट से विधानसभा अध्यक्ष को निर्देशित किया गया है। राजेंद्र राठौड़ ने सवाल उठाया कि 91 विधायकों ने 97 दिनों तक जो वेतन लिया और फायदा उठाया, उसकी भरपाई कैसे होगी?
आपको बता दें कि 25 सितम्बर को गहलोत समर्थक विधायकों के इस्तीफे के बाद 1 दिसंबर को राजेंद्र राठौड़ ने खुद हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। तभी से यह मामला तूल पकड़ा हुआ है।