राजस्थान के लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए राजस्थान सरकार की ओर से कई जनकल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही है। ये योजनाएं आज लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रही हैं। प्रदेश में चाहे बात हो बुजुर्गों और महिलाओं की सामाजिक सुरक्षा की, युवाओं की शिक्षा और रोजगार की, या आम नागरिकों के स्वास्थ्य, पोषण और धार्मिक आस्था की प्रदेश की सरकारों ने हर वर्ग को ध्यान में रखकर योजनाएं चलाई हैं। जब भी सत्ता में जिस भी पार्टी की सरकार रही, जनहित को ध्यान में रखकर योजनाएं संचालित की गई है।
ये योजनाएं आज न सिर्फ आम जनता को आर्थिक सहारा दे रही हैं, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी बड़ी भूमिका निभा रही हैं। इस आर्टिकल में हम आपको राजस्थान में चल रही 10 सबसे प्रभावी सरकारी योजनाओं के बारे में बताएंगे ताकि आप भी इन योजनाओं के बारे में जान सके और जरूरतमंदों व पात्र व्यक्तियों को इसके बारे में जानकारी दे सके।
1. राजस्थान सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना
राजस्थान सरकार की ओर से चलाई जा रही सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना राज्य के बुजुर्गों, विधवा महिलाओं, दिव्यांग व्यक्तियों, एकल महिलाओं और लघु सीमांत किसानों को आर्थिक सहायता देने के लिए शुरू की गई महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना का उद्देश्य इन वर्गों को हर माह पेंशन प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर और सम्मानजनक जीवन जीने में आर्थिक सहयोग देना है।
इस योजना में वृद्ध पुरुष (60 वर्ष से अधिक उम्र) और महिलाओं (55 वर्ष से अधिक उम्र), 40% या उससे अधिक दिव्यांगता वाले व्यक्ति, 18 वर्ष से अधिक उम्र की विधवा या एकल महिलाएं और 60 वर्ष से अधिक उम्र के लघु किसान पात्र होते हैं। योजना के लाभ के लिए आय की सीमा ग्रामीण क्षेत्र के लिए ₹48,000 और शहरी क्षेत्र के लिए ₹60,000 निर्धारित की गई है। योजना में पेंशन की राशि ₹1,150 से लेकर ₹1,500 प्रतिमाह तक प्रदान की जाती है, जो सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर होती है।
इस योजना का लाभ उठाने के लिए लाभार्थियों को अपना आधार कार्ड, जन्म प्रमाण, आय प्रमाण पत्र, बैंक विवरण, निवास प्रमाण पत्र, पति का मृत्यु प्रमाण पत्र (विधवा के लिए) व अन्य आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन करना होता है। योजना लाभ के लिए ऑनलाइन आवेदन https://rajssp.raj.nic.in पोर्टल से या नजदीकी ई-मित्र केंद्र, पंचायत समिति या सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के कार्यालय में जाकर किया जा सकता है।
2. जरूरतमंदों के भोजन के लिए इंदिरा रसोई योजना
इंदिरा रसोई योजना राजस्थान सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य प्रदेश के गरीब, श्रमिक, जरूरतमंद, और निम्न आय वर्ग के लोगों को सुलभ और सस्ती दर पर पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना है। इस योजना की शुरुआत अगस्त 2020 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में की गई थी, और इसका नाम भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की स्मृति में रखा गया है।
इस योजना के तहत लाभार्थियों को मात्र ₹8 में भरपेट और संतुलित भोजन उपलब्ध कराया जाता है। इसके तीत दिन में दो बार दोपहर और रात्रि को भोजन की सुविधा है। थाली में आमतौर पर रोटी, सब्ज़ी, चावल और दाल जैसी सामग्री शामिल होती है। योजना का उद्देश्य केवल पेट भरना नहीं है, बल्कि लोगों को गरिमामयी जीवन जीने में सहायता देना भी है।
राज्य सरकार इस योजना के संचालन के लिए स्थानीय निकायों, स्वयंसेवी संस्थाओं और नागरिकों के सहयोग से कार्य करती है। वर्तमान में राजस्थान में करीब 1,000 से अधिक इंदिरा रसोई केंद्र संचालित हो रहे हैं, जो नगरीय क्षेत्रों, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, अस्पतालों, श्रमिक इलाकों और बाजारों में स्थित हैं, ताकि अधिकतम जरूरतमंदों तक इसका लाभ पहुंचाया जा सके। सरकार की इंदिरा रसोई योजना ने न केवल भुखमरी और कुपोषण जैसी समस्याओं से लड़ने में सहायता की है, बल्कि इसने खाद्य सुरक्षा को भी सशक्त किया है।
3. मुख्यमंत्री नि:शुल्क बिजली योजना
मुख्यमंत्री नि:शुल्क बिजली योजना राजस्थान सरकार की एक जनकल्याणकारी योजना है, जिसका उद्देश्य घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली बिल के बोझ से राहत देना है। इस योजना की शुरुआत वर्ष 2022 में कांग्रेस सरकार के समय की गई थी, और तब से यह निरंतर राज्य के गरीब, निम्न मध्यमवर्गीय और मध्यमवर्गीय परिवारों को लाभ पहुंचा रही है। योजना के अंतर्गत घरेलू उपभोक्ताओं को हर माह में पहले 100 यूनिट बिजली नि:शुल्क प्रदान की जाती है। इससे राज्य के 1.18 करोड़ से अधिक परिवारों को सीधा लाभ मिल रहा है। यह पहल उन परिवारों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है, जिनकी आय सीमित है और जो हर महीने बिजली बिल भरने में असमर्थ है।
सरकार ने इस योजना को और प्रभावी व टिकाऊ बनाने के लिए एक नई पहल की शुरुआत की है, जिसके तहत 150 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने के लिए सोलर पैनल लगाए जाने का भी प्रावधान किया गया है। पात्र उपभोक्ता अपने घरों की छतों पर 1.1 किलोवाट क्षमता के सोलर पैनल लगवाकर 150 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्राप्त कर सकते हैं। राजस्थान सरकार इस सौर ऊर्जा योजना को प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से जोड़कर संचालित कर रही है।
इस योजना के तहत केंद्र और राज्य सरकार मिलकर सब्सिडी प्रदान करते हैं। केंद्र सरकार द्वारा 1 किलोवाट तक ₹30,000, 2 किलोवाट तक ₹60,000 और 3 किलोवाट तक ₹78,000 तक की सब्सिडी दी जाती है। इसके अलावा राज्य सरकार भी अतिरिक्त ₹17,000 तक की राशि सीधे उपभोक्ता के बैंक खाते में जमा करती है। इसके अलावा जो उपभोक्ता ग्रिड से अतिरिक्त बिजली साझा करते हैं, उन्हें प्रति यूनिट ₹0.15 की प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की जाती है।
इस योजना का लाभ उठाने के लिए उपभोक्ताओं को पहले प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना की वेबसाइट (https://pmsuryaghar.gov.in) पर जाकर पंजीकरण करना होता है। इसके बाद अपने क्षेत्र की बिजली वितरण कंपनी जैसे JVVNL, AVVNL, या JdVVNL से नेट मीटरिंग और सोलर पैनल स्थापना की अनुमति लेनी होती है। यहां स्वीकृति मिलने के बाद सरकार से अधिकृत विक्रेता से सोलर सिस्टम लगवाना होता है। स्थापना के बाद वितरण कंपनी निरीक्षण और मीटरिंग करती है, जिसके सब्सिडी की राशि सीधे उपभोक्ता के खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है।
4. मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना
यह राजस्थान सरकार की एक महत्वाकांक्षी और जनकल्याणकारी योजना है, जिसका उद्देश्य प्रदेश की जनता को सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना है। इस योजना की शुरुआत वर्ष 2011 में की गई थी और तब से यह निरंतर विस्तार और सुधार के साथ आज तक प्रभावी रूप से संचालित हो रही है। योजना के अंतर्गत राज्य के सरकारी अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और उप-स्वास्थ्य केंद्रों पर इलाज के दौरान मरीजों को आवश्यक दवाएं मुफ्त प्रदान की जाती हैं।
योजना की शुरुआत में सीमित संख्या में दवाएं शामिल थीं, लेकिन 2022 के बाद इस योजना में 1000 से अधिक आवश्यक और जीवनरक्षक दवाओं को शामिल किया गया। इन दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन (RMSC) की स्थापना की गई है, जो दवाओं की खरीद, भंडारण और आपूर्ति की पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी और प्रभावी ढंग से संचालित करता है।
मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना खासकर उन गरीब और निम्न आयवर्ग के मरीजों के लिए बहुत उपयोगी साबित हुई है, जो निजी अस्पतालों या मेडिकल स्टोर से महंगी दवाएं खरीदने में असक्षम है। इससे न केवल उनके इलाज का खर्च कम हुआ है, बल्कि उन्हें कई बीमारियों में तो जीवनदान भी मिला है।
5. मुख्यमंत्री नि:शुल्क जांच योजना
राजस्थान सरकार की मुख्यमंत्री नि:शुल्क जांच योजना की शुरुआत 7 अप्रैल 2013 को मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों में पहले चरण से हुई थी। जिनमें शुरुआत में 90 से 103 प्रकार की जांचें मुफ्त में शामिल थीं। दूसरे चरण के तहत 1 जुलाई 2013 को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में लगभग 37–101 और जांचें जोड़ दी गईं, और तीसरे चरण में 15 अगस्त 2013 से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं उप-स्वास्थ्य केंद्रों में 15–66 प्रकार की जांचें निशुल्क उपलब्ध होने लगीं।
वर्तमान में यह योजना 1500 से अधिक प्रकार की पैथोलॉजी व रेडियोलॉजी जांचों को भी कवर करती हैं, और सरकारी अस्पतालों, CHC, PHC, मेडिकल कॉलेजों एवं डिस्पेंसरी स्तर तक इसका विस्तार होकर मरीजों को लाभा मिल रहा है।
पिछले कुछ वर्षों में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में इस योजना को और भी अधिक सशक्त बनाया गया। उन्होंने चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता और पहुंच बढ़ाने के लिए Rajasthan Right to Health Care Act 2022 को लागू कर सरकारी और चुनिंदा निजी अस्पतालों में निःशुल्क हेल्थकेयर की शुरुआत की, जिसने इस योजना को और भी व्यापक बनाया।
6. इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना
राजस्थान सरकार ने इस योजना की शुरुआत वर्ष 2022 में की थी। यह शहरों में रहने वाले जरुतरमंद लोगों को रोजगार देने की योजना है। योजना के तहत बेरोजगारों और निम्न आय वर्ग के लोगों को वर्ष में 125 दिन तक नियमित रोजगार प्रदान करना है। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में पहले से लागू मनरेगा की तर्ज पर तैयार की गई है, ताकि शहरी क्षेत्रों में भी लोगों को दैनिक मजदूरी आधारित रोजगार मिल सके।
इस योजना में 18 से 60 वर्ष की आयु वर्ग के शहरी नागरिकों को नगर निकायों से संबंधित कार्यों जैसे सफाई-स्वच्छता, पौधारोपण, कचरा प्रबंधन, वर्षा जल संचयन, शहरी सौंदर्यीकरण, सड़कों की मरम्मत, पर्यावरण संरक्षण आदि में रोजगार प्रदान किया जाता है।
इस योजना का लाभ लेने के लिए शहरी बेरोजगार विभाग की अधिकृत वेबसाइट https://irgyurban.rajasthan.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
आवेदन के लिए जन आधार नंबर या जन आधार पंजीयन रसीद, पहचान पत्र और आधार कार्ड की आवश्यकता होती है। पात्रता तय होने के बाद आवेदक को विभाग की ओर से जॉब कार्ड जारी किया जाता है, और नगर निकाय के जरिये 15 दिनों के भीतर रोजगार उपलब्ध कराया जाता है।
7. मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना
राजस्थान सरकार की ओर से वर्ष 2022 में शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य सरकारी स्कूलों और आंगनबाड़ियों में अध्ययनरत बच्चों को पौष्टिक आहार के रूप में दूध उपलब्ध कराना है, ताकि उनके शारीरिक और मानसिक विकास को बेहतर बनाया जा सके।
इस योजना के तहत कक्षा 1 से 8 तक के सरकारी विद्यालयों और आंगनबाड़ी केंद्रों में नामांकित बच्चों को सप्ताह में तीन दिन सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को दूध उपलब्ध कराया जाता है। कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को 150 मिलीलीटर और कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों को 200 मिलीलीटर दूध मिलता है। यह दूध राज्य सहकारी दुग्ध संघ और स्थानीय डेयरी समितियों की भागीदारी से नियमित रूप से उपलब्ध कराया जाता है।
इस योजना का उद्देश्य बच्चों के पोषण स्तर में सुधार करना और उन्हें कुपोषण की समस्या से निजात दिलाना भी है। इस योजना की निगरानी स्कूल स्तर पर प्रधानाध्यापक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और स्थानीय ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों के द्वारा की जाती है।
8. मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना
यह राजस्थान सरकार ने 1 मई 2021 को शुरू की थी, जोकि एक स्वास्थ्य सुरक्षा योजना है। इस योजना का उद्देश्य राज्य के हर परिवार को गंभीर बीमारी या दुर्घटना की स्थिति में आर्थिक राहत प्रदान करना है। इस योजना के तहत प्रत्येक पात्र परिवार को सरकारी और सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में प्रति वर्ष ₹25 लाख तक का कैशलेस इलाज उपलब्ध कराया जाता है। इस योजना में 1576 से अधिक बीमारियां और चिकित्सा प्रक्रियाएं कवर की गई हैं, जिनमें जनरल मेडिसिन, सर्जरी, हृदय रोग, कैंसर, किडनी डायलिसिस, न्यूरोलॉजी, प्रसव, आईसीयू और ट्रॉमा जैसी सुविधाएं शामिल हैं।
योजना का लाभ लेने के लिए नागरिकों को जन आधार नंबर के माध्यम से पंजीकरण करना होता है। आवेदक ई‑मित्र केंद्र, जन आधार पोर्टल या योजना की आधिकारिक वेबसाइट https://chiranjeevi.rajasthan.gov.in के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। सामाजिक-आर्थिक जनगणना 2011 में शामिल परिवार, एनएफएसए लाभार्थी, छोटे और सीमांत किसान, उज्ज्वला योजना लाभार्थी और संविदाकर्मी को किसी प्रकार का प्रीमियम नहीं देना होता। सामान्य नागरिकों के लिए यह सुविधा मात्र ₹850 प्रति वर्ष के प्रीमियम पर उपलब्ध है, जिसमें राज्य सरकार सब्सिडी भी देती है।
इस योजना के तहत पंजीकृत अस्पताल में जन आधार कार्ड दिखाकर मरीज को कैशलेस इलाज की सुविधा मिलती है, और पूरा खर्च बीमा कंपनी वहन करती है। भर्ती से पहले और बाद की जांचें, दवाएं और आवश्यक सेवाएं भी योजना में शामिल हैं।
9. मुख्यमंत्री वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना
राज्य के वरिष्ठ नागरिकों को सम्मानजनक और सुविधाजनक निशुल्क धार्मिक यात्रा कराने के उद्देश्य से चलाई जा रही यह उन बुजुर्गों के लिए कल्याणकारी है, पैसा खर्च कर धार्मिक यात्रा करने में सक्षम नहीं है। इस योजना को वर्ष 2025 में दोबारा सक्रिय रूप से शुरू किया गया, जिसमें 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के नागरिकों को भारत गौरव ट्रेन के माध्यम से देश के प्रमुख तीर्थ स्थलों की मुफ्त यात्रा कराई जाती है।
हर वर्ष बड़ी संख्या में वरिष्ठ नागरिकों को इस योजना का लाभ मिलता है। योजना में यात्रियों को रेल यात्रा, ठहरने, भोजन और अन्य मूलभूत सुविधाएं निःशुल्क उपलब्ध कराई जाती हैं। यात्राएं के लिए विशेष ट्रेनों की व्यवस्था की जाती है, जिससे बुजुर्गों को कोई असुविधा न हो। इस योजना में हिंदू, जैन, सिख, मुस्लिम व अन्य धर्मों के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों को शामिल किया गया है, जिसमें रामेश्वरम्, वैष्णो देवी, हरिद्वार, उज्जैन, अजमेर शरीफ, अमृतसर, द्वारका, शिरडी, तिरुपति आदि प्रमुख हैं।
योजना का लाभ लेने के लिए वरिष्ठ नागरिक अपने जन आधार नंबर, आयु प्रमाण पत्र, स्वास्थ्य प्रमाण पत्र और पासपोर्ट साइज फोटो के साथ ऑनलाइन पोर्टल https://devasthan.rajasthan.gov.in पर आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए सरकार की ओर से हर वर्ष आवेदन निकाले जाते हैं। जिसे भरने के बाद चयन होने पर यात्रा लाभ मिलता है।
10. मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना
राजस्थान सरकार ने इस योजना की शुरुआत 2021 में की थी। इस योजना का उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के मेधावी विद्यार्थियों को नि:शुल्क कोचिंग सुविधा प्रदान करना है। यह योजना विशेष रूप से अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), अत्यंत पिछड़ा वर्ग (MBC), आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) और बीपीएल (BPL) परिवारों के मेधावी विद्यार्थियों के लिए लाई गई है, ताकि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में उनको आर्थिक सुविधा हो सके।
इस योजना के अंतर्गत विद्यार्थियों को REET, UPSC, RPSC, SSC, NEET, IIT-JEE, CLAT, CA, RSMSSB जैसी प्रमुख परीक्षाओं की तैयारी के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। आवेदन के बाद चयनित विद्यार्थियों को मान्यता प्राप्त कोचिंग संस्थानों में प्रवेश दिलाया जाता है, जहां उनकी पूरी कोचिंग फीस सरकार वहन करती है।
इस योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक विद्यार्थी राजस्थान निवासी होना चाहिए और उसके परिवार की वार्षिक आय ₹8 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए। आवेदन की प्रक्रिया ऑनलाइन होती है। विद्यार्थी https://sje.rajasthan.gov.in या https://sjms.rajasthan.gov.in पोर्टल के माध्यम से योजना में आवेदन कर सकता है। आवेदन के साथ जन आधार, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र और शैक्षणिक योग्यता से संबंधित दस्तावेज़ जरूरी होते हैं।