राजस्थान के अजमेर जिले के पुष्कर में कुछ लोगों ने 70 वर्षीय पूर्व पार्षद सवाई सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी और उनके 68 वर्षीय दोस्त दिनेश तिवारी को भी घायल कर दिया। अपने पिता की मौत का बदला लेने के लिए बेटे तीस वर्षों से अधिक समय से इंतजार कर रहे थे। शनिवार को हुई हत्या 1992 के ‘अजमेर ब्लैकमेल केस’ से जुड़ी थी। अजमेर जिले के पुष्कर के बंसेली गांव में सवाई सिंह और तिवारी पर गोलियां चलाने वाले मदन सिंह के बेटे थे, जो एक साप्ताहिक समाचार पत्र चलाया करते थे और ब्लैकमेल कांड को लेकर खबरें कर रहे थे। ये खबरें अजमेर की कई लड़कियों को ब्लैकमेल करके दुष्कर्म की घटनाओं से जुड़ी थी। यही खबरें कथित रूप से 1992 में उनकी हत्या का कारण बनी।
उस समय पुलिस ने सवाई सिंह, राजकुमार जयपाल, नरेंद्र सिंह व अन्य के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया था, लेकिन सभी आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया। उस समय मदन सिंह के दोनों बेटे सूर्य प्रताप सिंह और धरम प्रताप सिंह की उम्र 8 से 12 साल की थी। दोनों ने अपने पिता का बदला लेने की कसम खाई थी। आरोप है कि दोनों अपने पिता की मौत का बदला करीब 30 साल के बाद पुष्कर में 70 वर्षीय पूर्व पार्षद सवाई सिंह की गोली मारकर हत्या कर लिया और उनके 68 वर्षीय दोस्त दिनेश तिवारी को घायल कर दिया।
पुलिस के अनुसार, दोनों आरोपी भाइयों ने सवाई सिंह पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं, जिससे उनके सिर और पेट में चोट लग गई और उनकी मौत हो गई और उनका साथी दिनेश तिवारी घायल हो गया। पुलिस ने मुख्य आरोपी सूर्य प्रताप सिंह को गिरफ्तार कर उसके पास से एक देशी पिस्टल व तीन गोलियां बरामद की है। जबकि उसका भाई व एक साथी मौके से फरार हो गए। जिनकी तलाश की जा रही है।
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