प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) के तहत दिव्यांग गर्भवती महिलाओं को पहले बच्चे के जन्म पर मिलने वाली राशि में राज्य सरकार ने 54% की बढ़ोतरी की है। अब सितंबर से यह राशि 6500 रुपए के बजाय 10,000 रुपए कर दी गई है। इसकी घोषणा डिप्टी सीएम और महिला एवं बाल विकास मंत्री दीया कुमारी ने की।दीया कुमारी ने बताया कि इस योजना के तहत दिव्यांग महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान और बच्चे के जन्म के बाद अधिक पौष्टिक आहार प्राप्त हो सके, इसके लिए सरकार यह प्रोत्साहन राशि प्रदान कर रही है। अतिरिक्त 3500 रुपए की यह राशि राज्य सरकार द्वारा डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से दी जाएगी।
योजना के अनुसार, पहली किश्त के रूप में 3000 रुपए आंगनबाड़ी केंद्र पर पंजीकरण और पहली जांच के दौरान दिए जाते थे, जिसे बढ़ाकर अब 4000 रुपए कर दिया गया है।बच्चे के जन्म के बाद मिलने वाली दूसरी किश्त को 1500 रुपए से बढ़ाकर 3000 रुपए कर दिया गया है। इसके अलावा, बच्चे के जन्म का पंजीकरण और पहले चरण के 14 सप्ताह की उम्र तक के सभी टीके लगवाने के बाद दी जाने वाली तीसरी किश्त 2000 रुपए से बढ़ाकर 3000 रुपए कर दी गई है। बुनकर ने बताया कि बढ़ी हुई 3500 रुपए की यह अतिरिक्त राशि उन महिलाओं को दी जाएगी जो 40% या उससे अधिक दिव्यांग हैं।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना क्या है?
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत सरकार सभी गर्भवती महिलाओं को 6500 रुपए की प्रोत्साहन राशि अलग-अलग किश्तों में देती है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं की सहायता करना है, ताकि वे गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ रह सकें। आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण महिलाएं उचित आहार नहीं ले पातीं, जिससे उनका बच्चा कम वजन का हो सकता है।