न्यूज डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने गुरुवार को राज्यसभा (Rajya Sabha) में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दिया। उन्होंने कहा, राष्ट्रपति द्रोपदी मूर्मू ने विस्तार से चर्चा की है, देश को आगे की दिशा भी दिखाई है। पीएम ने कहा कि राष्ट्रपति जी का अभिभाषण प्रेरक भी था, प्रभावी भी था और हम सबके लिए भविष्य के काम पर मार्गदर्शक भी था इसे जिसने जैसा समझा, वैसे समझाया।
पीएम मोदी ने कहा, सबका साथ, सबका विकास पर यहां बहुत कुछ कहा गया। इसमें कठिनाई क्या है? ये तो हम सबका दायित्व है। उन्होंने कहा कि जहां तक कांग्रेस का सवाल है, उनसे इसके लिए कोई अपेक्षा करना बहुत बड़ी गलती हो जाएगी। ये उनकी सोच, समझ के बाहर है और रोडमैप में भी सूट नहीं करता। उन्होंने कहा कि इतना बड़ा दल एक परिवार के लिए समर्पित हो गया है, उसके लिए ये संभव ही नहीं है।
पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा, ‘कांग्रेस के मॉडल में फैमिली फर्स्ट सर्वोपरि रहा है। देश की जनता ने हमें तीसरी बार लगातार सेवा का मौका दिया। ये बताता है कि देश की जनता ने हमारे विकास के मॉडल को परखा है, समझा है और समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि हमारा ये मॉडल एक शब्द में कहना हो तो कहूंगा- नेशन फर्स्ट। इसी उम्दा भावना के साथ वाणी-वर्तन, नीतियों में इसी एक बात को मानदंड मानकर सेवा करने का प्रयास किया है।
नेहरू ने गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी को जेल में डाला था
पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा कि देश की पहली सरकार थी। नेहरू जी पीएम थे। मुंबई में मजदूरों की हड़ताल हुई। उसमें मशहूर गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी ने गीत गाया- कॉमनवेल्थ का दास है। इस पर नेहरू जी ने उन्हें जेल में डाल दिया। मशहूर एक्टर बलराज साहनी एक जुलूस में शामिल हुए थे। उन्हें भी जेल में बंद कर दिया गया। उन्होंने कहा कि लता जी के भाई हृदय नाथ मंगेश्कर जी ने वीर सावरकर पर एक कविता आकाशवाणी पर सुनाने की योजना बनाई। इस पर उन्हें आकाशवाणी से बाहर कर दिया गया।
कांग्रेसी नेताओं ने फ्रीडम ऑफ स्पीच को कुचला
पीएम मोदी ने कहा कि जब देश में चुनी सरकार नहीं थी, तब उसमें बैठे महाशय ने संविधान में संशोधन कर दिया। चुनी सरकार का इंतजार नहीं किया। कांग्रेस के नेताओं ने फ्रीडम ऑफ स्पीच को कुचला। अखबारों पर लगाम लगाई। देश की डेमोक्रेसी को कुचलने का काम किया।
UCC पर कहा- संविधान निर्माताओं की भावनाओं का आदर कर रहे
पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोगों को लगता है कि ये UCC क्यों लाए हैं। अगर वे संविधान पढ़ेंगे तो पता चलेगा कि हम क्या कर रहे हैं। हम संविधन निर्माताओं की भावनाओं का आदर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि संविधान निर्माताओं की भावनाओं से प्रेरणा लेनी थी। लेकिन कांग्रेस ने आजादी के तुरंत बाद संविधान निर्माताओं की भावनाओं की धज्जियां उड़ा दीं।