न्यूज डेस्क। भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की घोषणा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार सुबह पंजाब के जालंधर स्थित आदमपुर एयरबेस पहुंचे। पीएम मोदी ने वहां मौजूद भारतीय वायुसेना के अधिकारियों और जवानों से मुलाकात की। उन्होंने ऑपरेशन की जानकारी ली और सफल एयर स्ट्राइक के लिए सभी को बधाई दी। प्रधानमंत्री का यह दौरा बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि हाल ही में पाकिस्तान ने इस एयरबेस को नुकसान पहुंचाने का दावा किया था। जिसे पीएम मोदी ने वहां पर विजिट कर उस दावे का एक तरह से खारिज कर दिया।
सैनिकों से बातचीत के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा,
”आज सुबह मैं वायुसेना स्टेशन आदमपुर गया और हमारे बहादुर वायु योद्धाओं और सैनिकों से मिला। साहस, दृढ़ संकल्प और निडरता के प्रतीक लोगों के साथ रहना एक बहुत ही विशेष अनुभव था। भारत हमारे सशस्त्र बलों के प्रति हमेशा आभारी है, जो हमारे देश के लिए सब कुछ करते हैं।”
प्रधानमंत्री मोदी ने एयरबेस पर करीब एक घंटे तक समय बिताया। आपको बता दें कि पाकिस्तान की ओर से यह दावा किया गया था कि उसने भारत के इस एयरबेस को निशाना बनाते हुए गंभीर नुकसान पहुंचाया है। हालांकि भारत की ओर से इस दावे को उसी समय खारिज कर दिया गया था और इसे झूठा प्रचार बताया गया था। एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एयरस्ट्राइक और सीजफायर से संबंधित विषयों पर राष्ट्र को संबोधित किया था।
पाकिस्तान का था दावा: आदमपुर एयरबेस को नुकसान पहुंचाया
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने 6-7 मई की रात को पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम से सफल एयर स्ट्राइक की। इस हमले में 100 से अधिक आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया। इसके बाद पाकिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए ड्रोन, रॉकेट और मिसाइल हमलों की शुरुआत कर दी थी। हालांकि भारतीय वायुसेना के एयर डिफेंस सिस्टम ने इन खतरों को हवा में ही नष्ट कर दिया और किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होने दिया।
इसके बावजूद, 10 मई को पाकिस्तान ने दावा किया कि उसके JF-17 फाइटर जेट से दागी गई हाइपरसोनिक मिसाइल ने भारत के S-400 एयर डिफेंस सिस्टम को आदमपुर एयरबेस पर निशाना बनाकर पूरी तरह नष्ट कर दिया है। हालांकि, इसी दिन भारतीय विदेश मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर्नल सोफिया कुरैशी ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान का यह दावा पूरी तरह निराधार, झूठा और भ्रामक है। उन्होंने कहा कि भारत का कोई भी सैन्य ढांचा नष्ट नहीं हुआ है और सभी रक्षा प्रणाली पहले की तरह सक्रिय और प्रभावी स्थिति में हैं।
जानिएं हमारे लिए क्यों महत्वपूर्ण है आदमपुर एयरफोर्स बेस
आदमपुर एयरफोर्स स्टेशन पंजाब के जालंधर शहर के पास स्थित है। यह उत्तर भारत के प्रमुख सैन्य ठिकानों में से एक है, और देश दूसरा सबसे बड़ा एयरबेस माना जाता है। यहां से पाकिस्तान की सीमा बहुत नजदीक है। ऐसे में यह रणनीतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
1965 के युद्ध में भी निभाई थी अहम भूमिका
आदमपुर एयरबेस ने 1965 की भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान अहम भूमिका निभाई थी। 6 सितंबर 1965 को पाकिस्तानी वायुसेना ने पंजाब स्थित पठानकोट, आदमपुर और हलवारा जैसे एयरबेस को निशाना बनाकर हमला किया था। हालांकि, भारतीय वायुसेना ने इन हमलों को पूरी तरह नाकाम कर दिया और जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान को भारी नुकसान उठाना पड़ा।
इसके ठीक अगले दिन, 7 सितंबर को पाकिस्तान ने 135 विशेष कमांडो को पैराशूट के जरिए आदमपुर, पठानकोट और हलवारा क्षेत्रों में उतारा था। इनका उद्देश्य भारतीय एयरबेस को भीतर से नुकसान पहुंचाना था। लेकिन भारतीय सेना और स्थानीय नागरिकों ने मिलकर इन कमांडो का डटकर सामना किया। नतीजतन, उन 135 में से केवल 10 कमांडो ही किसी तरह से पाकिस्तान लौट पाए, जबकि बाकी या तो मारे गए या फिर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।