वर्ष 2002 के गुजरात दंगों के दौरान हुए नरोड़ा कांड के सभी 86 आरोपियों को अहमदाबाद की सेशन कोर्ट ने बरी कर दिया। घटना के 21 साल बाद गुरुवार को सुनाए फैसले में कोर्ट ने कहा कि आरोपियों का दोष साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं मिले। इस पर पीड़ित पक्ष के वकील ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने की बात कही।
दरअसल, 28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद शहर के पास नरोड़ा गांव में हुई सांप्रदायिक हिंसा में 11 लोग मारे गए थे। इस केस में गुजरात सरकार की पूर्व मंत्री माया कोडनानी, बाबू बजरंगी और जयदीप पटेल समेत 86 लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। इनमें से 17 लोगों की मौत हो चुकी है।
साल 2010 में शुरू हुए मुकदमे के दौरान दोनों पक्ष ने 187 गवाहों और 57 चश्मदीदों से जिरह की। करीब 13 साल तक चले इस केस में 6 जजों ने लगातार मामले की सुनवाई की।आपको बता दें कि दंगे में 97 लोगों की मौत हुई थी। जिसके बाद पूरे गुजरात में दंगे फैल गए थे।
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