न्यूज डेस्क। राजस्थान के सीकर जिले में स्थित खाटू श्याम जी का मंदिर न केवल राजस्थान का, बल्कि भारत का एक प्रमुख तीर्थस्थल है। यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण के अवतार माने जाने वाले महाभारत काल के बर्बरीक, जिन्हें श्रद्धालु ‘श्याम बाबा’ के नाम से पूजते हैं, उनको समर्पित है। मान्यता के अनुसार महाभारत में बर्बरीक ने अपनी बलिदानी भावना के कारण वरदान स्वरूप यह मान्यता प्राप्त की थी कि कलियुग में वे ही ‘श्याम’ नाम से पूजे जाएंगे। इसी कारण हर साल लाखों श्रद्धालु, विशेष रूप से राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश से खाटू नगर स्थित खाटू श्याम दर्शन को पहुंचते हैं।
खाटू श्याम जी मंदिर दर्शन टाइमिंग
खबरों के अनुसार श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए खाटू श्याम मंदिर समिति ने दर्शन व्यवस्था और मंदिर संचालन के समय में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। अब मंदिर में प्रसाद, फूल, अगरबत्ती, माला, इत्र आदि ले जाना पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। साथ ही श्याम बाबा की प्रतिमा और श्रद्धालुओं के बीच एक पारदर्शी शीशे की दीवार पहले ही स्थापित कर दी गई थी ताकि भक्तगण मूर्ति को स्पर्श नहीं कर सके। इसका उद्देश्य श्रद्धालुओं की संख्या को नियंत्रित करणा और मूर्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
मंदिर के दर्शन के समय भी अब मौसम के अनुसार तय किए गए हैं। गर्मी के मौसम (अप्रैल से सितंबर) में मंदिर प्रातः 4:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक और पुनः सायं 4:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक खुला रहता है। वहीं सर्दियों में (अक्टूबर से मार्च) यह समय प्रातः 5:30 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक और सायं 5:00 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक निर्धारित किया गया है। हालांकि, शुक्ल पक्ष की एकादशी जैसे विशेष अवसरों पर मंदिर 24 घंटे श्रद्धालुओं के लिए खुला रहता है।
खाटू श्याम जी की आरती कितने बजे होती है
खाटू श्याम मंदिर में प्रतिदिन पांच आरतियां होती हैं। जिसे मंगला आरती, श्रृंगार आरती, भोग आरती, संध्या आरती और शयन आरती के रूप में संबोधित किया जाता है। गर्मी और सर्दी के अनुसार इन आरतियों के समय में थोड़े बदलाव होते हैं। मंगला आरती गर्मियों में सुबह 4:30 बजे और सर्दियों में सुबह 5:30 बजे होती है। इसी प्रकार अन्य आरतियाँ भी निर्धारित समय पर होती हैं, जिनमें भोग आरती दोपहर 12:30 बजे, संध्या आरती शाम 7:30 (सर्दियों में 6:30) बजे और शयन आरती रात 10:00 बजे (सर्दियों में 9:00 बजे) होती है।
मंदिर में दर्शन के लिए लाइन में खड़े होने की व्यवस्था को भी अधिक व्यवस्थित बनाया गया है। अब दर्शन हेतु कुल 14 कतारें निर्धारित की गई हैं, जिससे भीड़ को सुव्यवस्थित किया जा सके और प्रत्येक श्रद्धालु को लगभग 3 से 4 मिनट तक बाबा के दर्शन करने का अवसर मिल सके। मंदिर प्रशासन इस व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए समय-समय पर तकनीकी उपायों का सहारा भी ले रहा है।
खाटू श्याम जी मंदिर कैसे जाए ?
मंदिर तक पहुंचने के लिए रेल और हवाई मार्ग दोनों उपलब्ध हैं। खाटू श्याम मंदिर से नजदीकी रेलवे स्टेशन रींगस जंक्शन है, जो मन्दिर से लगभग 17 किलोमीटर दूर स्थित है। वहीं, निकटतम हवाई अड्डा जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो मंदिर से लगभग 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। रींगस से खाटू श्याम मंदिर तक नियमित बस, टैक्सी और निजी वाहन आसानी से उपलब्ध रहते हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए खाटू नगरी में कई धर्मशालाएं और होटल उपलब्ध हैं।
खाटू श्याम जी दर्शन ऑनलाइन बुकिंग कैसे करें ?
खाटू श्याम मंदिर में ऑनलाइन दर्शन या आरती की बुकिंग की सुविधा उपलब्ध नहीं है, अतः सभी श्रद्धालुओं को सामान्य पंक्ति में लगकर ही मंदिर में प्रवेश करना होता है।
खाटू श्याम बाबा का मंदिर किस शहर में है?
खाटू श्याम जी का मंदिर राजस्थान के सीकर जिले के खाटू गांव में स्थित है। यह मंदिर जयपुर से लगभग 80 किमी और रींगस जंक्शन से लगभग 17 किमी की दूरी पर है।
खाटू श्याम मंदिर का इतिहास क्या है?
खाटू श्याम जी को महाभारत के वीर योद्धा बर्बरीक के अवतार रूप में जाना जाता है। जब भगवान श्रीकृष्ण ने उनसे उनका शीश दान मांगा, तो बर्बरीक ने सहर्ष सिर दान दे दिया। श्रीकृष्ण ने वरदान दिया कि कलियुग में तुम्हें मेरे नाम ‘श्याम’ से पूजा जाएगा। मान्यता है कि यह वही स्थान है जहाँ उनका शीश समर्पित किया गया और मंदिर बना।
खाटू श्याम पर कब जाना चाहिए?
खाटू श्याम जी के दर्शन के लिए फाल्गुन मेला (फरवरी-मार्च) का समय सबसे पवित्र माना जाता है। इसके अलावा ग्यारस (एकादशी) और पूर्णिमा के दिन भी यहाँ विशेष भीड़ होती है। इसके अलावा हर माह यहां पर बड़ी संख्या में भक्त पहुंचते हैं।
खाटू श्याम में क्या खास है?
खाटू श्याम में महाभारत काल के वीर योद्धा बर्बरीक का मन्दिर है। इन्हें ही खाटू श्याम या श्याम बाबा के नाम से जाना जाता है। महाभारत के समय श्रीकृष्ण के दान स्वरूप मांगे जाने पर बर्बरीक ने अपना शीश दान में दे दिया था। जिस स्थान पर शीश गिरा वहीं स्थान आज खाटू नगर है और उसी जगह पर खाटू श्याम का मन्दिर बना हुआ है।
यहां पर बाबा श्याम का भव्य दरबार और आकर्षक श्रृंगार बहुत दर्शनीय होता है। यहां पर भव्य फाल्गुन मेला लगता है और दिव्य आरती और दर्शन व्यवस्था भी मनमोहक है। आसपास की दर्शनीय जगहें जैसे श्याम कुण्ड और गौशाला को भी देखने के लिए लोग पहुंचते हैं।
खाटू श्याम धर्मशाला बुकिंग कैसे करें?
खाटू श्याम में कई धर्मशालाएं और होटल उपलब्ध हैं। इनकी बुकिंग ऑनलाइन वेबसाइटों या सीधे फोन कॉल द्वारा की जा सकती है। यात्रा से पहले बुकिंग करना बेहतर होता है, खासकर मेलों के समय ताकि परेशानी नहीं हो।
खाटू श्याम में धर्मशाला का किराया कितना है?
श्री खाटू श्याम सरकार चैरिटेबल ट्रस्ट धर्मशाला- ये धर्मशाला मंदिर से महज 500 मीटर की दूरी पर है। यहां 3 बेड वाले एक एसी रूम का किराया 700 रुपए है। नॉन एसी रूम का किराया 120 से 150 रुपए तक हैं। धर्मशाला में भक्तों के खाने की भी व्यवस्था होगी।
खाटू श्याम जी के 11 पवित्र नाम
- श्याम बाबा
- बर्बरीक
- हारे का सहारा
- मोरध्वज
- शीशधारी
- लीलाधारी
- ठाकुर जी
- खाटू नरेश
- प्रेममूर्ति
- दानवीर
- भक्तवत्सल
खाटू श्याम मंदिर कहां है?
राजस्थान राज्य के सीकर जिले के खाटू गांव में स्थित यह मंदिर पूरे भारत में लोकप्रिय है। नजदीकी रेलवे स्टेशन रींगस जंक्शन है और हवाई अड्डा जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पड़ता है।
खाटू श्याम जी को अर्जी कैसे लगाई जाती है?
भक्त श्याम बाबा को अर्जी प्रार्थना पत्र रूप में लिखकर या मन में संकल्प लेकर लगाते हैं। मंदिर परिसर में अर्जी पेटिका भी होती है जिसमें अपनी मुरादें लिखकर डाली जाती हैं।
खाटू श्याम मंदिर की कहानी क्या है?
खाटू श्याम की कथा महाभारत से जुड़ी है। बर्बरीक ने युद्ध देखने की इच्छा जताई थी, तब श्रीकृष्ण ने उससे शीश का दान मांगा। बर्बरीक ने अपना सिर दान कर दिया और युद्ध को एक ऊँचे टीले से देखा। उसी स्थान पर आज का मंदिर बना हुआ है।
खाटू श्याम जी क्यों प्रसिद्ध हैं?
श्याम बाबा को हारे का सहारा कहा जाता है। मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से उनसे कुछ मांगता है, उनकी मुराद ज़रूर पूरी होती है। उनके दरबार में जात-पात, अमीर-गरीब का कोई भेद नहीं होता।
खाटू श्याम बाबा की महिमा अद्वितीय मानी जाती है। भक्तों का विश्वास है कि बाबा के दरबार में सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद पूरी होती है। यही कारण है कि यहाँ भक्तजन न केवल देश के कोने-कोने से, बल्कि विदेशों से भी दर्शन करने आते हैं। यदि आप भी खाटू श्याम जी के दर्शन की योजना बना रहे हैं, तो इन बातों का ध्यान अवश्य रखें।