उदयपुर। उदयपुर के चर्चित कन्हैयालाल तेली हत्याकांड के एक आरोपी जावेद की जमानत खारिज नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने उसकी जमानत रद्द करने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कन्हैया लाल के बेटे यश तेली और राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA की याचिका को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट राजस्थान हाईकोर्ट के जमानत देने के फैसले में दखल नहीं देगा। यह फैसला कन्हैयालाल हत्याकांड के ट्रायल की गति को देखते हुए आया, जिसमें अभी भी गवाहों की गवाही जारी है।
जानें सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुख्य बिंदु
सुनवाई के दौरान अदालत ने माना कि वारदात के समय आरोपी जावेद एक किशोर था। अदालत ने इस बात पर ध्यान दिया कि मामले की सुनवाई अभी शुरुआती चरण में है। 166 गवाहों में से अब तक सिर्फ 8 लोगों की ही गवाही हुई है, जिससे ट्रायल पूरा होने में काफी समय लग सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में साफ किया कि राजस्थान हाईकोर्ट ने जमानत देते समय जो टिप्पणियां की थीं, उनका ट्रायल पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि इस मामले के बाकी आरोपी, जिनकी जमानत याचिकाएं अभी लंबित हैं, वे जावेद के मामले का हवाला देकर जमानत की मांग नहीं कर सकते।
क्या है पूरा मामला?
यह पूरा मामला साल 2022 का है, जब उदयपुर के मालदास इलाके में दर्जी का काम करने वाले कन्हैया लाल तेली की बेरहमी से हत्या कर दी गई। आरोप है कि मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद नामक दो हमलावरों ने कन्हैया लाल की दुकान में घुसकर उनकी हत्या की थी। घटना के तुरंत बाद, आरोपियों ने एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर अपलोड किया था। इस घटना के बाद, जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दी गई थी। इसी मामले में कन्हैया लाल के बेटे और एनआईए ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर आरोपी जावेद की जमानत को रद्द करने की मांग की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया।