अपराध जयपुर

पुल‍िसकर्मी कैद‍ियों को गर्लफ्रेंड से म‍िलवाने ले जाते थे होटल फिर एक दिन…

जयपुर। जब पुलिस ही आरोपियों की मददगार हो जाए तो लोग सुरक्षा के लिए किस पर भरोसा करेंगे? ऐसा ही एक मामला जयपुर में सामने आया है जहां सेंट्रल जेल से फरार होने की साजिश रच रहे 4 कैदियों और उनकी मदद करने वाले 5 पुलिसकर्मियों सहित 13 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। साथ ही, कैदियों की मदद के आरोप में पुलिसकर्मी सुरेश कुमार, मनोज कुमार, दिनेश कुमार, अमित और विकास को निलंबित किया गया है।

फरार होने की प्‍लान‍िंंग कर रखी थी

दरअसल शनिवार को जयपुर सेंट्रल जेल में बंद कैदियों ने खुद को बीमार बताते हुए अस्पताल भेजने की मांग की। जेल डॉक्टर ने चार को सभी को एसएमएस अस्पताल रेफर कर दिया, लेकिन अस्पताल की बजाय कैदी सीधा होटल पहुँच गए। इस काम में पुलिसकर्मियों ने ही उनकी मदद की।

पुलिस के अनुसार सेंट्रल जेल में बंद चार कुख्यात कैदियों ने अस्पताल में इलाज के बहाने हॉस्पिटल में भर्ती होने की योजना बनाई थी, फिर वहीं से होटल में वीआईपी ट्रीटमेंट लेने और गर्लफ्रेंड से मिलने के बहाने बाहर निकलकर फरार होने की भी प्लानिंग कर रखी थी। लेकिन, पुलिस की सर्तकता के चलते पुलिस ने गाड़ियों को ट्रैक किया और मौके से उन्हें दबोच लिया।

योजना में 5 पुल‍िसकर्मी भी शाम‍िल

हैरानी की बात ये है कि इस साजिश में बंदियों के रिश्तेदार और दोस्त के अलावा पुलिसकर्मी, जेल स्टाफ और अस्पताल के कर्मचारी भी शामिल थे। पुलिस ने कुल 13 लोगों को गिरफ्तार किया है, इनमें 4 बंदी, 5 पुलिसकर्मी, और अन्य सहयोगी शामिल हैं। होटलों में गर्लफ्रेंड्स भी मौजूद थीं।

पुलिस को कैसे मिली सूचना?

दरअसल, इस पूरी प्लानिंग की भनक थानाधिकारी को एक मुखबिर के जरिए लगी, जिसके बाद एसआई तेजस्विनी गौतम के निर्देशन में टीम गठित की गई। जांच के दौरान अस्पताल के बाहर खड़ी गाड़ियों की जांच में पुलिस को सुराग मिले, जिनमें कोई भी गाड़ी अस्पताल परिसर से अधिकृत नहीं थी। ऐसे में संदिग्धों से पूछताछ की गई तो पूरी साजिश का खुलासा हुआ।

बीमारी का बहाना बनाकर अस्‍पताल पहुंचे

जांच में मालूम चला कि चारों कैदी बीमारियों का बहाना बनाकर एक ही होटल में ठहरने और फिर वहां से फरार होने वाले थे। इनके लिए गाड़ियों और होटलों की बुकिंग भी पहले से की गई थी। पुलिस ने गाड़ियों को ट्रेस कर इन्हें जयपुर के अलग-अलग थाना क्षेत्रों से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अब इस पूरे मामले में जेल प्रशासन, अस्पताल स्टाफ और अन्य सहयोगियों की भूमिका की भी जांच कर रही है।