न्यूज डेस्क। राजधानी जयपुर के वैशाली नगर थाना क्षेत्र में एक चौंकाने वाली वारदात सामने आई है, जहां बुधवार सुबह नेपाली दंपति नौकरों ने अपने दो अन्य साथियों के साथ मिलकर कांग्रेस नेता संदीप चौधरी के घर में लूट की घटना को अंजाम दिया। वारदात के वक्त संदीप चौधरी जयपुर से बाहर गए हुए थे और घर में उनकी 75 वर्षीय मां कृष्णा, पत्नी ममता, बेटा और बेटी मौजूद थे।जानकारी के अनुसार, नेपाली दंपति को मात्र 10 दिन पहले ही दिल्ली की एक एजेंसी के माध्यम से घर के घरेलू कार्यों और खाना बनाने के लिए रखा गया था। हालांकि, पीड़ित परिवार द्वारा उनका पुलिस वेरिफिकेशन नहीं करवाया गया था, जो इस गंभीर वारदात में एक बड़ी चूक मानी जा रही है।
चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर पिलाया
एडिशनल डीसीपी वेस्ट आलोक सिंघल के अनुसार, आनंद नगर स्थित मकान नंबर 128–ए में यह लूट हुई। बुधवार सुबह लगभग 5 बजे नेपाली दंपति ने अपने दो साथियों को घर बुलाया और मिलकर घर की बुजुर्ग महिला कृष्णा और उनकी बहू ममता को चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर पिला दिया। चाय पीने के बाद दोनों महिलाएं बेहोश हो गईं।इसके बाद चारों आरोपियों ने मिलकर घर में रखे लाखों के जेवरात, नगदी और अन्य कीमती सामान लूट लिया। आरोपियों ने कृष्णा के पहने हुए गहने तक उतार लिए, जिससे उनके चेहरे पर चोट भी आई। घर की दूसरी मंजिल पर सो रही संदीप चौधरी की बेटी को जब उनके पिता का फोन आया और उन्होंने मां और दादी से संपर्क ना हो पाने की बात कही, तो बेटी नीचे आई और देखा कि दोनों महिलाएं बेहोश पड़ी थीं।उसने तुरंत अपने मामा को सूचना दी जो पास ही रहते हैं। उन्होंने मौके पर पहुंचकर दोनों को मानसरोवर स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया। उपचार के बाद दोनों को होश आ गया और उनकी हालत अब स्थिर बताई जा रही है।
अब तक ऐसी तीन से चार घटनाएं सामने आ चुकी
पुलिस को घटना की जानकारी मिलते ही डीसीपी वेस्ट अमित कुमार बुडानिया समेत अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज खंगाली गई जिसमें चारों आरोपी वारदात को अंजाम देकर भागते हुए दिखाई दिए। पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने जो सामान लूटा है, उसकी कुल कीमत करोड़ों में आंकी जा रही है।फिलहाल पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। सीएसटी, डीएसटी और वैशाली नगर सर्कल की कई टीमों को काम में लगाया गया है। साथ ही, आशंका जताई जा रही है कि आरोपी नेपाल भाग सकते हैं, इसीलिए दो विशेष टीमों को नेपाल बॉर्डर पर भेजा गया है। गौर करने वाली बात यह है कि राजधानी जयपुर में नेपाली नौकरों द्वारा इस तरह की यह पहली वारदात नहीं है। इस साल अब तक ऐसी तीन से चार घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिनमें मकान मालिकों ने पुलिस वेरिफिकेशन नहीं कराया था। फिलहाल पुलिस इस वारदात को गंभीरता से लेते हुए आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है।