उदयपुर। झीलों की नगरी उदयपुर आज भगवान जगन्नाथ के जयकारों से गूंज उठी। ऐतिहासिक जगदीश मंदिर से 400 साल पुरानी परंपरा को निभाते हुए भगवान जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा निकाली गई। इस अवसर पर 80 किलोग्राम चांदी से निर्मित भव्य रथ पर विराजित भगवान को 21 तोपों की शाही सलामी दी गई। इसके बाद परंपरागत वेशभूषा में सजे हजारों श्रद्धालुओं ने नंगे पैर रथ को खींचकर नगर भ्रमण की शुरुआत की।
यात्रा के शुभारंभ से पूर्व, मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य और नाथद्वारा विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ ने अपनी पत्नी, सांसद महिमा कुमारी के साथ पूजा-अर्चना की। उन्होंने ही राजसी परंपरा का निर्वहन करते हुए सबसे पहले रथ के रस्सों को खींचकर यात्रा का शुभारंभ किया। 16 फीट लंबे, 8 फीट चौड़े और 21 फीट ऊंचे चांदी के इस राजसी रथ पर भगवान जगन्नाथ स्वामी के साथ माता महालक्ष्मी और दानी रायजी भी विराजमान थे। यात्रा में 21 आकर्षक झांकियों ने सभी का मन मोह लिया।
इस भव्य आयोजन में हजारों पुरुष भक्त मेवाड़ी पगड़ी-धोती और महिलाएं केसरिया साड़ी पहनकर पूरी श्रद्धा के साथ शामिल हुए। पूर्व राजपरिवार के सदस्य लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने भी भगवान के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। यात्रा के दौरान शांति और पवित्रता बनाए रखने के लिए रंग, गुलाल और आतिशबाजी पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहा।
उल्लेखनीय है कि इसी दिन जयपुर में भी गुप्त वृंदावन धाम की ओर से एक विशेष हाइड्रोलिक रथ पर भगवान जगन्नाथ की यात्रा निकाली गई, जो रामनिवास बाग तक पहुंची। यह आयोजन राजस्थान में भगवान जगन्नाथ के प्रति गहरी आस्था और सदियों पुरानी परंपराओं का प्रतीक है।