गुजरात के मोरबी में 30 अक्टूबर की शाम हुए पुल हादसे में अब तक 134 ही शव बरामद हो चुके हैं। मौतों का सरकारी आंकड़ा भी यही बताया जा रहा है। हादसे के तीसरे दिन मंगलवार को नेवी और NDRF की टीमों ने एक बार फिर मच्छू में शवों की तलाश शुरू कर दी है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट से पुल हादसे की न्यायिक जांच की मांग भी की गई है। इस पर कोर्ट 14 नवंबर को सुनवाई करेगी।
दूसरी ओर पुल का रखरखाव करने वाली ओरेवा कंपनी के 2 मैनेजर, ब्रिज की रिपेयरिंग करने वाले दो कॉन्ट्रैक्टर, दो टिकट क्लर्क और तीन सिक्योरिटी गार्ड्स को गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन पुलिस की FIR में न तो पुल को ऑपरेट करके पैसे कमाने वाली ओरेवा कंपनी का जिक्र है, न रिनोवेशन का काम करने वाली देवप्रकाश सॉल्युशन का। साथ ही पुल की निगरानी के लिए जिम्मेदार मोरबी नगर पालिका के इंजीनियरों का भी नाम इसमें नहीं है। ऐसे में आरोप लगाए जा रहे हैं कि केवल निचले कर्मचारियों को हादसे का जिम्मेदार ठहराकर सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है।
इधर हादसे के बाद गुजरात में बुधवार को एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मंगलवार को मोरबी में मृतकों के परिजनों और घायलों से मुलाकात करेंगे।
हालाँकि उनके मोरबी दौरे से पहले रातों-रात सिविल अस्पताल का रंग-रोगन और मरम्मत की गई है। मरीजों के वार्ड में नए बेड और वाटर कूलर भी लगाए गए हैं। इसी अस्पताल में कल 100 शव लाए गए थे। अब विपक्षी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने अस्पतालों की मरम्मत पर तंज किया है। विपक्षी पार्टियों ने कहा है कि भाजपा इवेंट मैनेजमेंट में जुटी है ताकि प्रधानमंत्री का फोटोशूट हो सके।
आपको बता दें कि गुजरात के मोरबी में बरसों पुराना केबल पुल टूट गया था। जिसमें 134 से अधिक लोगों की मौत हो गई जबकि कई घायल हो गए।