प्रदेश के उदयपुर में फर्जी मार्कशीट बनाने का मामला सामने आया है। पुलिस ने उदयपुर के एक अपार्टमेंट में यूपी, बिहार, एमपी, राजस्थान, छत्तीसगढ़ के विश्वविद्यालयों के फर्जी मार्कशीट, डिग्री और माइग्रेशन सर्टिफिकेट बनाते एक युवक और युवती को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने मौके से 700 से अधिक मार्कशीट, 100 से अधिक माइग्रेशन सर्टिफिकेट, फोटोकॉपी मशीन व 88 सील व पौने तीन लाख रुपए नकद बरादम किए हैं। जांच में सामने आया है कि इन फर्जी अंक तालिकाओं के जरिये कई युवा सरकारी व गैर सरकारी नौकरियां तक पा चुके हैं।
उदयपुर के एसपी विकास शर्मा ने बताया कि पिछले दिनों किसी ने गोपनीय लेटर भेजकर इसकी जानकारी दी थी। जिसमें उल्लेख था कि लेकसिटी अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 411 में फर्जी मार्कशीट बनाने का धंधा हो रहा है। इसका संचालन बांसवाड़ा निवासी प्रेमसिंह और उसकी सहयोगी किरण कर रही हैं। इस फ्लैट में बड़ी संख्या में युवाओं का आना जाना रहता है। वे मोटी रकम देकर डिग्रियां व मार्कशीट खरीदकर ले जा रहे हैं। शिकायत की पुष्टि के बाद भूपालपुरा एसएचओ हनुवंत सिंह सोढ़ा की अगुवाई में टीम बनाकर मौके पर भेजा। पुलिस ने जब फ्लैट की डोरबेल बजाई तो सहयोगी किरण ने दरवाजा खोला। पुलिस को देखकर वो घबरा गई। अंदर उसका साथी प्रेम सिंह भी बैठा हुआ था। दोनों ने भागने की भी कोशिश की, लेकिन पुलिस ने दोनों को दबोच लिया।
इसके बाद दबिश देकर दोनों आरोपियों को पकड़कर पूछताछ की गई तो सामने आया कि दोनों लंबे समय से कर्जे से जूझ रहे हैं। इससे छुटकारा पाने के लिए दोनों ने फर्जी मार्कशीट का धंधा करने की योजना बनाई और उसमें वे कामयाब भी हुए। दोनों आरोपियों ने उदयपुर संभाग के साथ ही देश व प्रदेश के कई युवाओं को फर्जी दस्तावेज बनाकर दिए हैं। पुलिस ने फ्लैट से कई फर्जी अंक तालिकाएं, प्रमाण पत्र, मुहरें नकदी के अलावा यूनिवर्सिटी हॉलमार्क, स्टीकर, फोटोकॉपी मशीन, प्रिंटर, लैपटॉप और आठ मोबाइल जब्त किए हैं।