दिल्ली के कंझावला कांड ने देश को झकझोर कर रख दिया है। ये घटना 31 दिसंबर और 01 जनवरी की रात की बताई जा रही है। यानी कि जब पूरा देश नए साल के जश्न में डूबा था, उसी वक्त दिल्ली के सुल्तानपुरी इलाके में ये घटना हुई। इसी रात दिल्ली पुलिस को एक पीसीआर कॉल मिली, जिसके अनुसार कंझावला इलाके में एक लड़की की निर्वस्त्र डेडबॉडी मिली। शव के दोनों पैर भी नहीं थे। पास में ही एक टूटी हालत में स्कूटी भी बरामद हुई।
पुलिस ने इसे सड़क दुर्घटना बताया है। पुलिस का कहना है कि 5 लड़के नशे की हालत में कार से कहीं जा रहे थे। उन्होंने 20 साल की लड़की की स्कूटी को टक्कर मार दी। टक्कर के बाद लड़के वहां से भाग निकले। लेकिन, लड़की स्कूटी सहित कार में ही फंस गई थी और लड़कों को इसका पता नहीं चला। आरोपियों ने नशे में लड़की को सुल्तानपुरी से कंझावला के बीच कार से लगभग आठ किलोमीटर तक घसीटा, जिससे उसकी दर्दनाक मौत हो गई। पुलिस ने पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और कार भी बरामद कर ली है। मृतक अंजलि सिंह एक इवेंट ऑर्गनाइजर थी।
दूसरी ओर इस हादसे का एक चश्मदीद सामने आया है। दीपक नाम के युवक ने दावा किया है कि उसने ही पुलिस को कार के पीछे शव लटके होने की सूचना दी। उसने मीडिया को बताया कि हादसे के बाद वो सुबह 5 बजे तक पुलिस के संपर्क में रहा, लेकिन कोई मौके पर नहीं आया। दीपक ने कहा, उसने बेगमपुर तक बलेनो कार का पीछा किया। पीसीआर वैन में मौजूद पुलिस ने रिस्पॉन्स नहीं दिया और केस के बारे में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई।
इधर, मृतक युवती के मामा का कहना है कि वह पुलिस की कार्रवाई से सहमत नहीं है। ये केस निर्भया से मिलता-जुलता है। हम 100 प्रतिशत कह सकते हैं कि बेटी के साथ गलत हुआ है। स्कूटी कहीं मिली है और बॉडी किसी दूसरी जगह से बरामद की गई है। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी घटना सड़क पर हुई है और पुलिस को पता नहीं चल पाया।
इस मामले में पुलिस पर दोषियों को बचाने का आरोप लग रहा है। पुलिस की कार्रवाई से असंतुष्ट स्थानीय लोगों ने थाने का घेराव करके जमकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने हत्या और बलात्कार की धाराओं को जोड़ने की मांग की है। हालांकि, पुलिस का कहना है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी।
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