देश विदेश प्रमुख ख़बरें राजनीति

कांग्रेस नेता उदित राज का राष्ट्रपति के लिए आपत्तिजनक बयान, विवाद बढ़ा तो बताया निजी राय, कहा राष्ट्रपति पद के लिए नहीं मुर्मू के लिए व्यक्तिगत रूप से किया था ट्वीट

उदित राज ने कहा था- मुर्मू चमचागिरी करती हैं, ऐसा प्रेसिडेंट किसी देश को न मिले

पहले भाजपाई और अब कांग्रेसी नेता बने दलित चिन्तक डॉ उदित राज ने अपने एक ट्वीट में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लेकर एक विवादित ट्वीट की। मुर्मू के एक बयान को आधार बनाते हुए उदित राज ने ट्वीट किया द्रौपदी मुर्मू जी जैसा राष्ट्रपति किसी देश को न मिले। चमचागिरी की भी हद है। कहती हैं 70% लोग गुजरात का नमक खाते हैं। खुद नमक खाकर जिंदगी जिएं तो पता लगेगा।

 

बयान आते ही इस पर हंगामा भी शुरू हो गया है। उदित राज के ट्वीट को संज्ञान में लेते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने नोटिस जारी किया है।

उधर, राज के पुराने साथी भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने हमलावर होते हुए कहा की ‘जिस प्रकार का शब्द उदित राज ने राष्ट्रपति जी के लिए प्रयोग किया है, वो चिंताजनक है। हालाँकि विवाद बढ़ने पर उदित राज ने सफाई भी दी की ये बयान कांग्रेस का नहीं उनका निजी बयान है

इतना ही नहीं उदित राज ने अपने सिलसिलेवार ट्वीट में ये भी स्पस्ट किया की ये त्व्वेत राष्ट्रपति पद के लिए नहीं, एक नेता के तौर पर निजी रूप में द्रोपदी मुर्मू के लिए है

दरअसल मुर्मू ने कहा क्या था

4 अक्टूबर को गांधीनगर में एक कार्यक्रम में राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि देश में 76 प्रतिशत नमक का उत्पादन गुजरात करता है, कहा जा सकता है कि गुजरात का नमक सभी भारतीयों द्वारा खाया जाता है। उन्होंने इस दौरान गुजरात मॉडल की भी तारीफ की।

वैसे ये  पहली बार नही है की किसी कांग्रेसी नेता ने राष्ट्रपति मुर्मू के लिए इस तरह की आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया हो. इससे पहले अधीर रंजन चौधरी ने भी इसी तरह की भाषा का इस्तेमाल किया था। जिस पर काफी विवाद खड़ा हो गया था. बाद में रंजन ने पत्र लिखकर राष्ट्रपति से माफ़ी मांगी थी

 

NCW का नोटिस, राज ने दी सफाई
राज के ट्वीट पर राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने नोटिस जारी किया है। NCW ने उन्हें अपने बयान पर माफी मांगने के लिए कहा है। इधर, विवाद बढ़ने के बाद राज ने एक और ट्वीट कर सफाई दी है। राज ने लिखा- द्रौपदी मुर्मू जी से कोई दुबे, तिवारी, अग्रवाल, गोयल, राजपूत मेरे जैसा सवाल करता तो पद की गरिमा गिरती। हम दलित-आदिवासी आलोचना करेगें और इनके लिए लड़ेंगे भी। हमारे प्रतिनिधि बनकर जाते हैं फिर गूंगे-बहरे बन जाते हैं।

ये भी पढ़े : फिल्म सितारों से लेकर क्रिकेटर्स तक है ब्लैक वाटर के दीवाने, आखिर ऐसा क्या ख़ास है इसमें

क्या वाकई गहलोत और पायलेट में बात अब सीएम पद से आगे बढ़ गई है, माफी के लिए गहलोत के नोट्स में पायलट के जिक्र से चर्चाओ को जोर, दो शीर्ष नेताओ में मनभेद इस कदर हुए तो वापसी असम्भव

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *