नया सत्र शुरू होने से पहले कॉलेजों को करनी होगी व्यवस्था, नहीं तो होगी कार्यवाही
जयपुर. राज्य के मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए जल्द ही काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू होने वाली है। जिसके बाद इन मेडिकल कॉलेजों में मेडिकल स्टूडेंट्स को प्रवेश मिलेगा। मेडिकल कॉलेजों की रैगिंग काफी कुख्यात है। ऐसे में नया सत्र शुरु होने से पहले ही यूजीसी और आरयूएचएस ने प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में रैगिंग रोकने को लेकर कमर कस ली हैं।
यूजीसी व आरयूएचएस द्वारा कॉलेज कैंपस को रैंगिग फ्री बनाने के लिए सभी मेडिकल कॉलेज को प्राचार्यों को पत्र लिखा हैं। नए प्रावधानों के अनुसार इन कॉलेजों में अब सिर्फ एंटी रैगिंग कमेटी या फिर एंटी रैगिंग स्क्वायड बनाने से ही काम नहीं चलेगा। बल्कि अब कॉलेजे को रैगिंग रोकने के लिए दूसरी तरह के भी कई इंतजाम करने होंगे।
- कैंपस में जगह जगह अलार्म लगाए जायेंगे, ताकि अगर कैंपस में अगर किसी स्टूडेंट की रैगिंग होती है तो प्रभवित छात्र या किसी अन्य द्वारा अलार्म बेल बजाई जा सके।
- कॉलेज प्रशासन को कैंपस के महत्वपूर्ण स्थानों पर सीसीटीवी लगाने होंगे।
हमने सभी कॉलेज के प्राचार्य को लिखा है कि उन्हे स्टूडेंट्स की काउंसलिंग करनी होगी। सेमीनार से समझाइश कर बड़े आकार के पोस्टर बनाकर कैंपस में चिपकाने होंग। जिस पर टॉल फ्री हेल्पलाइल नंबर,प्रावधान और पुलिस स्टेशन के नंबर लिखने होंगे।
– ओंकारमल, रजिस्ट्रार, आरयूएचएस
जिम्मेदारों पर भी गिरेगी गाज
यूजीसी की ओर से तय किए मापदंड पूरे नहीं करने पर कॉलेज प्रशासन पर भी गाज गिरनी तय है। यूजीसी ने स्पष्ट किया है कि तय प्रावधान पूरे हो। अगर किसी कॉलेज से रैगिंग की शिकायत मिली या ऐसी घटना हुई तो जिम्मेदारों पर भी दंडनीय कार्रवाई की जाएगी।
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