राजस्थान में बिजली कटौती की समस्या जल्द अब खत्म होती नज़र आ रही है। अगर सब सही रहा तो प्रदेश के करीब 1 करोड़ से ज्यादा उपभोक्ताओं को इससे राहत मिलेगी। वहीं प्रदेश में चल रहा कोयला संकट भी दूर हो जाएगा।
हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि गुरुवार को राजस्थान सरकार की बिजली कंपनी- राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (RUVNL) और केंद्रीय कोयला मंत्रालय की कोल इंडिया लिमिटेड के बीच एक MOU हुआ। इसके तहत कोल इंडिया राजस्थान में 1190 मेगावाट कैपेसिटी का सोलर प्रोजेक्ट लगाएगी। इसमें र 5400 करोड का निवेश होगा। RVUNL को कम्पनी सालाना 2 करोड़ रुपए सोलर पार्क के ऑपरेशन और मेंटेनेंस के बदले देगी। जमीन की DLC रेट के अनुपात में 7.5 % राशि सालाना दी जाएगी।
जयपुर के होटल मैरियट में केंद्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी, सीएम अशोक गहलोत और एनर्जी मिनिस्टर भंवर सिंह भाटी की मौजूदगी में यह MOU साइन हुआ। इसके तहत अगले दो साल में कोल इंडिया लिमिटेड को ये प्रोजेक्ट लगाना होगा। राज्य सरकार ने RVUNL को 2000 मेगावाट सोलर पार्क को डेवलप करने का जिम्मा दिया है। इसके लिए राजस्थान सरकार ने बीकानेर के पूगल में 4846 हेक्टेयर जमीन अलॉट की है। सोलर पार्क में 810 मेगावाट क्षमता का सोलर प्रोजेक्ट खुद उत्पादन निगम और 1190 मेगावाट का सोलर प्रोजेक्ट कोल इंडिया लिमिटेड लगाएगा।
इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद राजस्थान में पावर जनरेशन में बढ़ोतरी होगी। अब आम जनता को बिना कटौती और रुकावट के बिजली सप्लाई हो सकेगी। साथ ही रोस्टर के आधार पर फीडर्स से कटौती नहीं करनी पड़ेगी। क्योंकि 2000 से 2500 मेगावाट तक बिजली गर्मियों के दिनों में कम पड़ रही थी, इस कारण 2 से 4 घंटे तक बिजली कटौती की गई, जो अब तक जारी है। हालांकि अब मेंटेनेंस के नाम पर कटौती की जा रही है। सोलर पावर जनरेशन से रिन्यूएबल एनर्जी में 2000 मेगावाट का और इजाफा होगा। उल्लेखनीय है कि सौर ऊर्जा उत्पादन में राजस्थान पहले नंबर पर है।