भीलवाड़ा (न्यूज़ डेस्क)। राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के आसींद क्षेत्र में सोमवार सुबह एक तेंदुए (लेपर्ड) ने एक बच्चे सहित तीन ग्रामीणों पर हमला कर दिया। हमले में मासूम गंभीर रूप से घायल हो गया, जबकि एक बुजुर्ग की आंख क्षतिग्रस्त हो गई और एक महिला की हालत भी चिंताजनक बनी हुई है। सभी घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
घटना आसींद थाना क्षेत्र के नूवालिया गांव की है, जहां सुबह खेत में बकरियां चरा रहे 12 वर्षीय बालक राजवीर पर तेंदुए ने अचानक झाड़ियों से निकलकर हमला कर दिया। बालक की चीख-पुकार सुनकर खेत में काम कर रहे उसके पिता सोनू भील व अन्य ग्रामीण गणेश भील और सुरेश भील मौके पर पहुंचे और पत्थर-लाठियों की मदद से तेंदुए को वहां से भगाया। गंभीर रूप से घायल राजवीर को तुरंत आसींद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।
कुछ देर बाद दो और ग्रामीणों पर हमला
पहले हमले के कुछ ही समय बाद तेंदुए ने गांव के ही दो अन्य व्यक्तियों पर भी हमला कर दिया। थारेला गांव निवासी 60 वर्षीय नेनु भील और नूवालिया की रहने वाली पानी देवी बलाई पर अलग-अलग स्थानों पर यह हमला हुआ। नेनु भील की एक आंख तेंदुए ने नोच डाली और उनके सिर व चेहरे पर गंभीर चोटें आईं। उन्हें दौलतगढ़ अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल रेफर किया गया। पानी देवी का भी इलाज चल रहा है।
ग्रामीणों में दहशत, वन विभाग ने लगाया पिंजरा
लगातार हुए हमलों के बाद पूरे गांव में दहशत का माहौल है। सूचना मिलते ही आसींद पुलिस और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। घटनास्थल के पास पिंजरा लगा दिया गया है और तेंदुए की तलाश शुरू कर दी गई है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि दौलतगढ़ क्षेत्र में फैले ग्रेनाइट खदानों के मलबे तेंदुए जैसे वन्यजीवों के लिए सुरक्षित ठिकाने बनते जा रहे हैं। तेंदुआ लंबे समय से मवेशियों को निशाना बना रहा था, लेकिन इंसानों पर यह पहला हमला है।