जयपुर। भील प्रदेश के नाम से अलग राज्य बनाने की मांग को लेकर गुरुवार को बांसवाड़ा जिले में आदिवासियों के ऐतिहासिक स्थल मानगढ़ धाम पर महारैली हुई है। भारतीय आदिवासी पार्टी के आव्हान पर इस महारैली में लाखों लोगों के जुटने का दावा किया जा रहा है। बांसवाड़ा डूंगरपुर सांसद राजकुमार रोत ने भी सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर इस रैली में ज्यादा से ज्यादा लोगों के जुटने की अपील की है। भील प्रदेश में 4 राज्यों के 49 जिले शामिल किए जाने की बात की जा रही है। इस महारैली को भील प्रदेश सांस्कृतिक महासम्मेलन नाम दिया गया है।
भील प्रदेश सांस्कृतिक महासम्मेलन में राजस्थान सहित मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से लाखों की संख्या में आदिवासी समाज के लोग शामिल होने का दावा किया जा रहा है। हर साल यह सम्मेलन 17 जुलाई को होता था, लेकिन इस बार मुहर्रम के कारण से इसका आयोजन 18 जुलाई को किया गया है। इस महासम्मेलन का सबसे बड़ा एजेंडा भील प्रदेश की मांग है। आदिवासियों के अलग राज्य भील प्रदेश की मांग को लेकर भारत आदिवासी पार्टी काफी समय से मुखर है। बीते दिनों लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद संसद में शपथ लेने के दौरान भी बांसवाड़ा सांसद राजकुमार रोत ने इसकी मांग की थी।
भील प्रदेश में किस राज्य के कौन-कौन जिले की मांग
गुजरात- अरवल्ली, महीसागर, दाहोद, पंचमहल, सूरत, बड़ोदरा, तापी, नवसारी, छोटा उदेपुर, नर्मदा, साबरकांठा, बनासकांठा और भरुचा
राजस्थान- बांसवाड़ा, डूंगरपुर, बाड़मेर, जालौर, सिरोही, उदयपुर, झालावाड़, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, कोटा, बारां, पाली
मध्य प्रदेश- इंदौर, गुना, शिवपुरी, मंदसौर, नीमच, रतलाम, धार, देवास, खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर, बड़वानी, अलीराजपुर
महाराष्ट्र- नासिक, ठाणे, जलगांव, धुले, पालघर, नंदुरबार, अलीराजपुर
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