राजस्थान के भरतपुर जिले में विधवा के पुनर्विवाह पर नगला बिलौठी में जाति के पंच-पटेलों ने पंचायत कर एक परिवार का तीन दिन से हुक्का-पानी बंद कर दिया। परिवार की फसल सहित खेत भी जब्त कर लिए। बताया जा रहा है कि ऐसा रुपए लेकर विधवा बेटी को दूसरे युवक के साथ शादी कराने के आरोप लगाकर किया गया है। दूसरी ओर पीड़ित परिवार का कहना है कि विधवा द्वारा देवर से शादी नहीं करने के कारण उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है।
परिवार का कहना है कि नगला बिलौठी निवासी विजय पाल गुर्जर और उसकी 20 वर्षीय विधवा बेटी पर देवर से विवाह करने का दबाव था। विजय पाल और उसके परिवार के अनुसार शराबी होने के कारण बेटी देवर से शादी नहीं करना चाहती थी। कुछ महीने पहले बेटी का विवाह दूसरे घर में हो गया। जिस पर गांव के पंच-पटेलों ने रविवार को पंचायत बुलाई। जिसमें 10 लाख में बेटी बेचने का दोषी ठहराते हुए, हुक्का-पानी बंद कर परिवार सहित गांव छोड़ने का फरमान सुना दिया। यहां तक की पानी से लेकर किसी भी रास्ते के उपयोग तक पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। पीड़ित परिवार से व्यवहार रखने पर जुर्माने की भी घोषणा कर दी गई।
इतना ही नहीं, आरोप है कि पंचायत में पीड़ितों से 51 हजार रुपए का दंड भी मांगा गया। विजयपाल के अनुसार उनके पास इतने रुपए नहीं हैं। ऐसे में फसल सहित उसके खेत पंचों ने जब्त कर लिए हैं। उसने अपने तीन बीघा और किराए पर 14 बीघा खेत लेकर फसल बो रखी है। परिवार में आठ सदस्य और चार पशु होने से घर में पेयजल संकट तक खड़ा हो गया है। पीड़ित परिवार का कहना है कि पुलिस को भी सूचना दी गई। लेकिन तीन दिन बाद भी कोई मदद नहीं मिली।