राजस्थान, जहां रंग, संस्कृति और राजसी ठाठ की भरमार है। वहां का खाना कैसे पीछे रह सकता है? सुबह की शुरुआत यहां सिर्फ चाय या बिस्किट से नहीं होती, बल्कि मसाले, स्वाद और परंपराओं से लबरेज़ नाश्तों और व्यंजनों से होती है। अगर आप भी सुबह-सुबह कुछ हटके, देसी और स्वाद का अहसास करना चाहते हैं – तो राजस्थान के ये 7 फूड ऑप्शन आपके लिए किसी ट्रीट से कम नहीं है।
1. कचौरी
राजस्थान की सुबह की शुरुआत हो और कचौरी का नाम न आए, ऐसा हो ही नहीं सकता। राजस्थान में दो प्रकार की कचौरी खूब फेमस है पहली है प्याज कचौरी और मूंग दाल कचौरी। कुछ जगहों पर हिंग कचौरी भी बड़ी छाव से खाई जाती है। गर्मा-गर्म कचौरी को हरी चटनी और मीठी इमली की चटनी के साथ खाएं, फिर देखिए स्वाद का जादू। कुछ ऐरिया में कचौरी के साथ आलू की सब्जी भी खाने के लिए दी जाती है।
2. मिर्ची बड़ा
जोधपुर की शान, मिर्ची बड़ा एक शानदार और मसालेदार स्नैक है जिसमें मोटी हरी मिर्च को मसालेदार आलू से भरकर बेसन में लपेटकर तला जाता है। ये नाश्ता उन लोगों के लिए है जो सुबह कुछ तीखा और चटपटा खाना पसंद करते हैं। इसे हरी चटनी या सौंठ के साथ ट्राई करें। राजस्थान में बाकी जगहों पर भी यह आसानी से मिल जाएगा।
3. कढ़ी पकोड़ा
जहां बाकी भारत में कढ़ी-चावल लोकप्रिय है, वहीं राजस्थान में कढ़ी पकोड़ा नाश्ते में भी खाया जाता है। बेसन की पकौड़ियों को तीखी और हल्की खट्टी कढ़ी में डालकर परोसा जाता है, जो टेस्ट में बहुत अच्छी लगती है।
4. बेसन चीला
यदि आप कुछ हल्का और पौष्टिक चाहते हैं, तो बेसन चीला एक बेहतरीन विकल्प है। इसमें बेसन को मसालों और हरी सब्जियों के साथ मिलाकर तवे पर सेंका जाता है। यह स्वादिष्ट, जल्दी बनने वाला और पेट के लिए हल्का होता है। इसे दही या टमाटर की चटनी के साथ खाएं।
5. बाजरे का रोटला और लहसन की चटनी
राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में सुबह का नाश्ता अक्सर बाजरे का रोटला और तीखी लहसन की चटनी होता है। यह पारंपरिक भोजन पेट को ठंडा रखता है और ऊर्जा से भरपूर होता है। सर्दियों में यह नाश्ता शरीर को गर्म रखने में मदद करता है।
6. दाल बाटी चूरमा
हालांकि यह अक्सर दोपहर के खाने में खाया जाता है, लेकिन कई ग्रामीण और धार्मिक अवसरों पर दाल बाटी चूरमा को नाश्ते में भी परोसा जाता है। घी से लथपथ बाटी, मसालेदार दाल और मीठा चूरमा किसी राजसी भोज से कम नहीं है।
7. राबड़ी और मावा कचौरी
राजस्थान में मीठे नाश्ते का भी उतना ही महत्व है। रबड़ी को अक्सर पूड़ी या मिठाई के साथ खाई जाता है। वहीं, मावा कचौरी, जोधपुर की खास मिठाई, नाश्ते में मिठास घोल देती है।
राजस्थानी नाश्ते सिर्फ भोजन नहीं हैं, बल्कि राजस्थानी स्वाद का एक अनुभव हैं। यहां के हर नाश्ते के पीछे एक कहानी, एक परंपरा और एक स्वाद छुपा है जो आपको राजस्थान की मिट्टी से जोड़ता है। चाहे आप तीखा पसंद करते हों, या मीठा, यहाँ हर स्वाद के लिए कुछ न कुछ ज़रूर है। तो अगली बार जब आप राजस्थान जाएं, तो सुबह जल्दी उठिए, और इन लज़ीज़ नाश्तों का स्वाद जरूर लीजिए!