न्यूज डेस्क। भारतीय सेना को सोमवार को एक बड़ी सैन्य उपलब्धि हासिल हुई है। अमेरिका से खरीदे गए अत्याधुनिक AH-64E अपाचे अटैक हेलीकॉप्टरों की पहली खेप भारत पहुंच गई है। इस खेप में तीन घातक हेलीकॉप्टर शामिल हैं, जिन्हें जल्द ही राजस्थान के जोधपुर एयरबेस पर तैनात किया जाएगा। सेना ने कहा है कि इससे उसकी ऑपरेशनल क्षमताओं में जबरदस्त इजाफा होगा।
दुनिया का सबसे घातक और एडवांस अटैक हेलीकॉप्टर
आपको बता दें कि अपाचे हेलीकॉप्टरों को दुनिया के सबसे घातक और एडवांस अटैक हेलीकॉप्टरों में गिना जाता है। ये हेलीकॉप्टर अमेरिकी कंपनी बोइंग बनाती है। फिलहाल ये हेलीकॉप्टर अमेरिका, इजरायल, ब्रिटेन, मिस्र और सऊदी अरब जैसे देशों की सेनाओं का अभिन्न हिस्सा हैं। भारत ने वर्ष 2020 में बोइंग के साथ 6 अपाचे हेलीकॉप्टरों की खरीद का सौदा किया था। हालांकि सप्लाई में वैश्विक सप्लाई चेन बाधाओं और तकनीकी कारणों से करीब 15 महीने की देरी हुई। अब पहली खेप के तीन हेलीकॉप्टर भारत में उतर चुके हैं, जबकि बाकी तीन आने वाले महीनों में पहुंचेंगे।
भारत के पास अब 25 अपाचे हेलीकॉप्टर
भारतीय वायुसेना के पास पहले से ही 22 अपाचे हेलीकॉप्टर मौजूद हैं। लेकिन यह पहली बार है जब भारतीय थल सेना को अपने अलग अपाचे हेलीकॉप्टर स्क्वाड्रन मिल रहे हैं। इन नए हेलीकॉप्टरों के शामिल होने के बाद भारत के पास कुल 25 अपाचे हो जाएंगे, जो भारतीय सेना को जमीन से लेकर आसमान तक दुश्मन को जवाब देने की अद्भुत क्षमता प्रदान करेंगे।
क्यों खास है अपाचे हेलीकॉप्टर
अपाचे हेलीकॉप्टरों की खास बात इनकी स्मार्ट टेक्नोलॉजी और मारक क्षमता है। ये हेलीकॉप्टर 280 से 365 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकते हैं। एक बार उड़ान भरने के बाद तीन से साढ़े तीन घंटे तक हवा में रह सकते हैं। इनमें लगे थर्मल सेंसर और नाइट विजन सिस्टम इन्हें रात में भी सटीक निशाना साधने में सक्षम बनाते हैं। यह हेलीकॉप्टर एक मिनट में 128 चलती टारगेट्स को पहचान सकता है और 16 पर एक साथ हमला कर सकता है।
अपाचे में लगी 30 मिमी की चेन गन प्रति मिनट 625 राउंड फायर कर सकती है। इसके अलावा यह AGM-114 हेलफायर मिसाइल और हाइड्रा 70 रॉकेट सिस्टम से लैस होता है। यह मल्टी-टारगेट अटैक करने में माहिर है और टैंकों, बंकरों, रडार और दुश्मन के काफिलों को कुछ ही सेकंड में तबाह कर सकता है।
जोधपुर क्षेत्र में होगी तैनाती
इन हेलीकॉप्टरों की तैनाती पश्चिमी सीमा यानी पाकिस्तान से सटी सीमा के नजदीक जोधपुर में की जा रही है। यहां पहले से मौजूद एयरबेस को इस अपाचे स्क्वाड्रन के लिए तैयार किया गया है। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इन हेलीकॉप्टरों की तैनाती से भारत की ‘ऑफेंसिव स्ट्राइक कैपेसिटी’ कई गुना बढ़ जाएगी। खासकर, सीमावर्ती क्षेत्रों में कम समय में निर्णायक कार्रवाई की संभावना बढ़ेगी।