न्यूज डेस्क। उदयपुर के ऋषभदेव थाने में पूछताछ के दौरान एक ज्वेलर की संदिग्ध मौत के बाद बवाल मच गया। मृतक के परिजनों और समाज के लोगों ने पुलिस पर टॉर्चर कर हत्या करने का आरोप लगाते हुए जमकर विरोध प्रदर्शन किया। माहौल बिगड़ता देख तीन थानों की पुलिस और कई प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे।
जानकारी के अनुसार, ज्वेलर सुरेश पंचाल (55), निवासी बिछीवाड़ा, डूंगरपुर को चोरी का माल खरीदने के शक में 4 अगस्त की दोपहर ऋषभदेव थाने लाया गया था। पूछताछ के दौरान उसकी तबीयत बिगड़ी और उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।
थाने के बाहर देर रात तक प्रदर्शन
मौत की खबर फैलते ही बिछीवाड़ा और आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में लोग ऋषभदेव पहुंचे। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और थाने के बाहर देर रात करीब साढ़े दस बजे तक हंगामा होता रहा। लोगों ने पुलिस पर टॉर्चर और दुर्व्यवहार के गंभीर आरोप लगाए।
स्थिति को संभालने के लिए डीएसपी राजीव राहर, तहसीलदार वीरेंद्र सिंह राठौड़ समेत कई थानों की पुलिस मौके पर मौजूद रही। रात करीब साढ़े ग्यारह बजे एसपी से बातचीत के बाद मामला शांत हुआ, लेकिन मंगलवार सुबह फिर भीड़ जुट गई और परिजनों ने मुआवजे और सरकारी नौकरी की मांग की।
पुलिस पर धमकाने का आरोप, चार पुलिसकर्मी निलंबित
मृतक के बेटे हिमांशु ने आरोप लगाया कि पहले उदयपुर शहर के गोवर्धन विलास थाने की पुलिस ने पिता को धमकाया, फिर ऋषभदेव लाकर पूछताछ की गई। इसी दौरान उनकी तबीयत बिगड़ी और मौत हो गई। इस मामले में उदयपुर एसपी योगेश गोयल ने कार्रवाई करते हुए चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। एसपी ने बताया कि परिजनों की रिपोर्ट के आधार पर जांच की जा रही है। साथ ही, जिन पुलिसकर्मियों पर करप्शन के आरोप लगे हैं, उनकी जांच एडिशनल एसपी रैंक के अधिकारी करेंगे।
व्यापारियों में आक्रोश
उदयपुर सर्राफा एसोसिएशन का आरोप है कि पुलिस लगातार व्यापारियों को परेशान कर रही है। आईपीसी की धारा 411 में पूछताछ से पहले सर्राफा एसोसिएशन से सलाह लेने के निर्देश थे, लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा है। ज्वेलर की मौत के मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की गई है।
प्रशासन के साथ समाज की बैठक
इधर, ऋषभदेव कस्बे में पंचाल समाज के नोहरे में पुलिस और प्रशासन की बैठक हुई, जिसमें मृतक के परिजन और समाज के लोग शामिल हुए। बैठक में निष्पक्ष जांच, आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग रखी गई। बैठक में एडिशनल एसपी गोपाल स्वरूप मेवाड़ा, एसडीएम और तहसीलदार सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।