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‘मैं पता करूंगा कि दादी को पारसी में क्या कहते हैं, फिर वही कहलवा दूंगा’

न्यूज डेस्क। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को ‘दादी’ कहकर संबोधित करने पर राजस्थान की राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस नेताओं ने इसे अपमानजनक बताते हुए भाजपा मंत्री से माफी की मांग की है। इधर, कांग्रेस विधायक शुक्रवार से राजस्थान विधानसभा में धरने पर बैठ गए हैं। इस बीच, भाजपा के तीन मंत्रियों ने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन कांग्रेस विधायक सदन के रिकॉर्ड से टिप्पणी हटाने की मांग पर अड़े हुए हैं।

कांग्रेस के इस विरोध पर भाजपा के प्रदेश प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल का बयान सामने आया है, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। एनडीटीवी की खबर के अनुसार शुक्रवार देर शाम जयपुर में उन्होंने कहा, ‘दादी’ शब्द सम्मानसूचक है, लेकिन यह आमतौर पर हिंदू समाज में अधिक प्रचलित है। मुझे नहीं पता कि मुस्लिम और पारसी समाज में इसे क्या कहा जाता है। शायद कांग्रेस की आपत्ति इसी कारण हो, क्योंकि इंदिरा गांधी की शादी फिरोज जहांगीर से हुई थी। हो सकता है कि वे ‘दादी’ शब्द पर आपत्ति जता रहे हों। मैं पता करूंगा कि पारसी समाज में दादी को क्या कहा जाता है और हम वही शब्द इस्तेमाल कर लेंगे।

क्या है पूरा मामला?

शुक्रवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान मंत्री अविनाश गहलोत ने इंदिरा गांधी को ‘दादी’ कहकर संबोधित किया। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस अपनी अधिकतर योजनाओं का नाम अपनी दादी के नाम पर रख देती थी।’ इस पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कड़ी आपत्ति जताते हुए पूछा कि क्या वे पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को ‘दादी’ कह रहे हैं? इसके बाद कांग्रेस विधायकों ने आक्रोश व्यक्त किया और वेल में आकर नारेबाजी करने लगे। हंगामे के दौरान कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा विधानसभा सचिव की टेबल तक पहुंच गए और मंत्री से माफी की मांग करने लगे। इसी बीच, कांग्रेस विधायकों और विधानसभा के मार्शलों के बीच तीखी बहस हुई। स्थिति बिगड़ती देख विधानसभा अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी।

दादी अपमानजनक शब्द नहीं: मंत्री जोगाराम

इधर, मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा, ‘हमारे मंत्री ने केवल यह कहा था कि ये योजनाएं आपकी दादी इंदिरा गांधी के कार्यकाल में बनी थीं। उन्होंने किसी भी अपमानजनक शब्द का प्रयोग नहीं किया। कांग्रेस विधायक झूठा बहाना बनाकर आक्रोशित हो रहे हैं।’ राजस्थान के उपमुख्यमंत्री प्रेम चंद बैरवा ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘हमारे मंत्री ने कोई आपत्तिजनक शब्द नहीं कहा। फिर भी अध्यक्ष महोदय ने बयान को सदन के रिकॉर्ड से हटाने की बात कही। इसके बावजूद कांग्रेस विधायकों का आक्रोशित होना बेहद निंदनीय है।’

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